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सितंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उच्चाटन तंत्र

 उच्चाटन तंत्र जैसा कि हमने पहले बताया कि उच्चाटन का अर्थ है किसी भी चीज़ से मन उचाट हो जाना या कर देना। यह विद्या शत्रुओ को भ्रमित करने के लिए प्रयोग में आती रही है। इस विद्या का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग है  किसी के मन में किसी प्रकार के तनाव भरे ख्यालो या विचारो से मुक्त करना हम कई बार देखते है  कि कभी कभी एक विचार ही मनुष्य की मानसिक संतुलन को बिगाड़ने में काफी रहता है और वह विचार  अंतर मन तक ऐसे घर कर जाता है जैसे उसे कुछ और न समझ आ सके न ही वह उससे उबर ही पाता है। वह विचार किसी भी प्रकार  का हो सकता है प्रेम से संबंधित हो सकता है प्रेम ईर्ष्या शत्रुता या नकारात्मकता ।उच्चाटन विद्या का सही प्रयोग उस व्यक्ति को उस विचार से मुक्त कर सकता है और नई सोच सोचने को मजबूर कर सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  परन्तु इस विद्या का दुरुपयोग  ज्यादा होता है और सदुपयोग कम। दुरुपयोग में कुछ लोभी तांत्रिक  किसी का नुकसान करने  में अधिक  प्रयोग करते है । लोग अपने शत्रुओ प्

मारण तंत्र सत्य या मिथ्या ? Maran Tantra Reality Or Myth(Call-7009688414)

                                                     मारण तंत्र सत्य या मिथ्या                     मारण तन्त्र जैसे कि नाम संकेत करता है का अर्थ है वह तन्त्र जिसके द्वारा किसी को मारा जा सके। इस तन्त्र का सिर्फ एक ही रूप सबके सामने  आ सका है वह है एक तांत्रिक जो कि शमशान भूमि में बैठा चिता के आस पास कुछ मंत्रो से  कुछ क्रिया करता हुआ। इसमें संदेह नही की मारण मन्त्र बहुत ही ताक़तवर होते है और उनकी क्रिया उतनी ही खतरनाक जो कि सही विधि से सही नक्षत्रो में सही तरीके से किया जाए तो निश्चित ही कार्य सिद्धि होती है। जैसे कि मैंने पहले भी आपको पिछली पोस्ट में अवगत कराया के बुरे लोग बुरा करते है  और फल अच्छे  लोगों को भुगतना पड़ता है।          किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414                          मारण मंत्र और तंत्र का प्रयोग दोनों ही शास्त्रों में निषेध है परंतु  कभी बहुत बड़ी आपदा में जहाँ आपको कोई और रास्ता न मिले और आपको यह तंत्र  प्रयोग करना ही पड़े तो सिर्फ आत्म