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रहस्यो से भरा है ॐ

क्या है ॐ का रहस्य  पिछली पोस्ट में मैंने आपको ॐ का प्रयोग मंत्रों में क्यों होता है इससे आपको अवगत करवाया और जैसा कि मैंने पिछली पोस्ट में कहा था कि मैं आपको ॐ के तीनों भागों अ उ और म से अवगत करवाऊंगा और यथाशक्ति आपको अमात्रा के रहस्य भी समझाऊंगा।  ओम के बारे में पिछली पोस्ट में आपको विवरण दिया गया उसमें मैंने आपको बताया की नाभि क्षेत्र, कंठ क्षेत्र और कपाल क्षेत्र आपके सभी चेतना क्षेत्रों में और ऊर्जा क्षेत्रों में ॐ सकारात्मक प्रभाव देता है जब एक साधक सांस भर कर ओम बोलता है और ओम की ध्वनि तीन भागों में बोलता है तो सबसे पहले उसका नाभि क्षेत्र और हृदयक्षेत्र से कपाल कस क्षेत्र  पर प्रभाव पड़ता है । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265    फोन               0091- 7009688414             अ बोलने से मूलाधार चक्र स्वाधिष्ठान चक्र और मणिपुर चक्र इन में कंपन पैदा होती है और आपकी जठराग्नि प्रदीप्त होती...

क्यो प्रत्येक मंत्र में प्रयोग होता है ॐ?

क्यों प्रत्येक मंत्र में प्रयोग होता है ॐ?    मंत्रो के ज्ञान की श्रृंखला में बीज मंत्रो के बारे में लिखने से पहले हम यह बताएंगे कि क्यों प्रत्येक मंत्र के आरंभ में ॐ का प्रयोग होता है। जैसे कि ॐ ऐं ह्रीं क्लीं  चामुण्डाये विच्च:  या कोई भी अन्य मंत्र आप जिसका जाप करते है के आरंभ और किसी  के अंत मे भी ॐ का प्रयोग होता है। हम इसके शारीरिक कारण, भौतिक कारण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण कण सबके बारे  में आपको अवगत करवाने का प्रयास करेंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265    फोन               0091- 7009688414        ॐ जैसे कि हम सभी जानते है कि सृष्टी का आरंभ ऊर्जा से हुआ । वह ऊर्जा ॐ में नाद से ही उत्पन्न हुई । ऋग्वेद में हिरण्यगर्भ सूक्त  और नासदीय सूक्त में ॐ की महिमा का गुणगान किया गया है। इसमे लिखा गया है कि  सृष्टि से पहले सत नही था असत भी नही अंतरिक्ष भी नही था आकाश भी नही था ...