पिछली कुछ पोस्ट में हमने आपको दस महा विद्या , महाविद्या महाकाली , महाकाली साधना और क्रीं बीज मंत्र साधना के बारे में बताया था साथ ही हमने आपको सभी दुखो का नाश करने वाली भगवती महाकाली के स्तोत्र महाकाली अष्टक से अवगत करवाया। दस महाविद्या श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए हम अब आपको महाविद्या तारा के बारे में अवगत करवाएंगे। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि कौन है माँ तारा और क्या है उनका रहस्य ? क्या है स्वरूप उनका और किस प्रकार से यह महाविद्या की कृपा यदि हम प्राप्त हो जाये तो हमारे जीवन में बदलाव लाने में सक्षम है। माँ तारा तांत्रिको की प्रमुख देवी है। तारने वाली कहने के कारण माता को तारा नाम से जाना जाता है।भगवती तारा के तीन स्वरूप है तारा, नीलसरस्वती और एकजटा।मा तारा की साधना से शत्रुओ का नाश होता है और इनकी साधना अपार ऐशवर्य और सौंदर्य प्राप्ति के लिए की जाती है। महाविद्या तारा को नील तारा भी कहा जाता है । मां तारा शिव की माँ भी कहलाती है । यह सरस्वती के समान ज्ञान की देवी है । अगर यह कहा जाए ...
ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है। Call -7009688414 Whats app - 7009688414 You Tube https://www.youtube.com/channel/UC3jYdc1TVVqzXyQ2Y8h-bkA Facebook https://www.facebook.com/anandhoglobal/ INSTAGRAM LINK https://www.instagram.com/anandhosatyaho/?hl=en