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मई, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एकात्म तत्व 2

       परमात्मा बीज रूप में हमे बहुत कुछ देता है परंतु हम ही उलझे रहते है।  जन्म के साथ जो मिलता है साधना से हम सृष्टि को हज़ार गुना दे सकते है । वह शक्ति हम में विराजमान होती है हमे जीवन मिला है निर्माण करने को। हमे जीवन मिला है  इस सृष्टी में इस सृष्टि के लिए यदि हम प्रतिपल कर्मठ नही है और प्रतिपल इस विचार का स्पंदन हमे नही महसूस होता कि हमे सृष्टी और जीवन का कृतज्ञ रह कर और बेहतरी के लिए निर्माण करना है। तो निश्चित ही  हम उस शक्ति से पीठ कर के बैठे है जो कि जीवन के रूप में हमे प्राप्त है। हमे  मन को बनाना है एक दर्पण  के वह  शक्ति का प्रतिबिंब फलित हो सके खुद में दर्शन पा सके हम उस शक्ति का उस महाविद्या तत्व का ।  मन को उस स्थिति में तैयार करना होगा,तैयारी के लिए हमे मन को खाली करना होगा ताकि नए विचार को जन्म दे  पाए। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414                      नया मकान बनाना है तो पुरानी बिल्डिंग को तोड़ना होता है। एकात्म हो कर मन और चेतना की सफाई करनी है। घास पौ

महाविद्या धूमावती (एकात्म तत्व)

मित्रों आज जिस महाविद्या के बारे में हम उल्लेख करने जा रहे है वह  दस महाविद्या की सबसे रहस्यमयी और प्रभावशाली और महत्वपूर्ण शक्ति तत्व है । उस महाविद्या का नाम है धूमावती महाविद्या और सृष्टि के उस तत्व को धूमावती प्रतिनिधित्व करती है ,वह तत्व है एकात्म तत्व।  पिछली पोस्ट में हमने आपको भगवती बगलामुखी के बारे में बताया और उनके  तत्व से आपको अवगत करवाया । इस पोस्ट में हम आपको मां धूमावती के एकात्म तत्व के बारे में विवरण देंगे । संघर्ष के बाद में एक समय ऐसा भी आता है जब आप अपनी शक्ति को पूर्ण रूप से एकत्रित करके सभी बाधाओं को दूर करते हैं । ऐसे समय में आपके साथ कुछ ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न होती हैं जहां के आप अपने विचार निर्माण को लेकर बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं और आपके विचार या निर्माण के कारण लक्ष्य प्राप्ति के संघर्ष के कारण आप किसी ऐसी मानसिक स्थिति में भी पहुंच जाते हैं जहां के आपके उस लक्ष्य विचार या निर्माण की आलोचना और आप का संघर्ष आपको बिल्कुल अकेला कर देता है ।   किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन   

महाविद्या बगलामुखी ( स्तम्भन तत्व )

मित्रों आज इस महाविद्या का उल्लेख मैं आपके सामने लेकर आ रहा हूं और जिस महाविद्या के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं वह महाविद्या आज के समय में सबसे ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली मानी गई है । वह अत्यंत शक्तिशाली महाविद्या है  बगलामुखी महाविद्या । मां बगलामुखी के बारे में आगम निगम ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की उनके मंत्र और उनके तंत्र इसके बारे में जितना प्रचलन है वह हमसे छुपा हुआ नहीं है । प्रत्येक साधक बगलामुखी और उनकी शक्ति इससे परिचित है परंतु जैसे अन्य महाविद्याओं के तत्वों के बारे में हमने चर्चा की । वैसे ही इस पोस्ट में हम वह सब बातें जो कि आज प्रचलित हैं उनके बारे में चर्चा ना करके मां बगलामुखी इस सृष्टि तत्व के बारे में बात करेंगे । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265   फोन               0091- 7009688414            मां बगलामुखी स्तंभन तत्व इसके लिए हमें यह समझना होगा स्तंभन तत्व है क्या । स्तंभन का अर्थ है रोक देना स्तंभन तंत्र के बारे में मैंने पहले एक पोस्ट डाली है आप चाहें अधिक

महाविद्या भैरवी (संघर्ष तत्व)

दस महाविद्या के तत्व ज्ञान की श्रृंखला में हम महाविद्या भैरवी (संघर्ष तत्व) तक पहुंच गए है। भैरवी त्रिपुर सुंदरी का ही विध्वंसक और उग्र रूप कही जाती है। इनकी साचना उग्र होती है रास्ते की सभी बाधाओं चाहे वह भूत पिशाच की हो या ग्रह जनित बाधाएं, चाहे वह कार्य सिद्धि से सम्बन्धित हो चाहे  कोई अभीष्ट लक्ष्य की प्राप्ति के पथ पर आने वाली बाधाएं ।इन सबका अंत करने वाली महाविद्या है भैरवी। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414         अब हम पहले इनके सृष्टी में तत्व और हमारे जीवन मे विद्यमान होने को जानने के लिए चर्चा करेंगे। भगवती महाकाली से ले कर भगवती छिन्नमस्तिका तक अंधकार, प्रकाश,कल्पना,आकर्षण,त्याग, निर्माण तक के तत्वों के बारे में हम चर्चा कर चुके है और प्रत्येक महाविद्या कैसे सम्बंधित तत्व का प्रतिनिधित्व करती है वह भी आपको हम बता चुके है। किसी भी अविष्कार निर्माण  और लक्ष्य प्राप्ति में यह तत्व ही है जो अपनी भूमिका निभाते है और यदि हम दस महाविद्या को समझ जाएं तो प्रत्येक तत