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महाविद्या तारा (स्वरूप और रूप)

पिछली पोस्ट में हमने आपको महाविद्या माँ तारा से अवगत करवाया पढ़े (महाविद्या माँ तारा) । थोड़ा सा परिचय दिया। इस पोस्ट में हम आपको मा तारा  से सम्बंधित अन्य रहस्यो के बारे में बताएंगे। महाविद्या तारा से महाज्ञान की प्राप्ति तो होती ही है उसके साथ साथ साधक  अपनी जीवन यात्रा पूर्ण करने के बाद मोक्ष को प्राप्त होता है। और माँ के एक जटा स्वरूप में अक्षोभ्य शिव के साथ स्थान मिलता है।      महाविद्या तारा मोक्ष की देवी हैं। मुख्यतः मा की पूजा तांत्रिक विधियों से होती है। यह एक वाम मार्गी विद्या है जिसमे तन्त्र में प्रयोग होने वाले पंच मकार से साधना होता है। पंच मकार ( मद्य मास मत्स्य मुद्रा मैथुन) पंच म कार के बारे में दो मत है एक ध्यान और दूसरा तन्त्र जो साधक मास मंदिर मैथुन मुद्रा और मत्स्य से साधन नही कर सकते उनके लिए ध्यान के पांच मकार की विधिया भी है इसके लिए अलग पोस्ट में व्याख्यान किया जाएगा।         ब्रह्मांड में जितना भी ज्ञान  का विस्तार है वह मूलतः महाविद्या तारा के अधीन ही है या ये कहे मा तारा ही वो ज्ञान है। माँ तारा का साधक...