मारण तन्त्र के प्रयोग (1) जैसे कि मारण तन्त्र के बारे में पहले भी हमने कुछ बाते लिखी। इसके सदुपयोग और दुरुपयोग के बारे में आपको थोड़ा सा पहले भी बताया गया। इस का कुछ विस्तार इस पोस्ट में भी किया जाएगा । मित्रो मारण तन्त्र ऐसी क्रिया है जिसका निर्माण आपके अंदर के बुरे विचारों ,बुरे ख्यालो ,स्वप्नों और बाहर के शत्रु रूपी समस्याओं को खत्म करने के लिए किया गया। बाहर के शत्रु रूपी से हमारा अर्थ है ग्रहों की समस्याएं , रास्ते की रुकावट, किया हुआ तन्त्र ,या फिर अन्याय रूपी शत्रुता। यह हम यह बताना चाहेंगे कि शत्रुता एक विचार है और शत्रु मारण का अर्थ उस व्यक्ति का मारण बिल्कुल नही है परंतु उस शत्रु रूपी विचार का मारण है। किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र व्हाट्स एप्प 0091-7696568265 फोन 0091- 7009688414 मारन तन्त्र में जो इष्ट पूजा की जाती है वह है भगवान महाकाल , भगवती दुर्गा का महिषमर्दिनी रूप, म...
ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है। Call -7009688414 Whats app - 7009688414 You Tube https://www.youtube.com/channel/UC3jYdc1TVVqzXyQ2Y8h-bkA Facebook https://www.facebook.com/anandhoglobal/ INSTAGRAM LINK https://www.instagram.com/anandhosatyaho/?hl=en