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महाकाली अष्टकम

महाकाली अष्टकम पिछली पोस्ट मैं हमने आपको महाकाली महाविद्या और क्रीं मंत्र प्रयोग के बारे में बताया इस पोस्ट में हम वह श्रृंखला आगे बढ़ाते है। महाविद्या महाकाली के बारे में पोस्ट लिखने और आपको दस महाविद्या से अवगत करवाने की श्रृंखला में हम आज आपसे कालिका अष्टक स्तोत्र के बारे में चर्चा करेंगे कालिका अष्टक में भगवती महाकाली के रहस्यपूर्ण स्वरूप का व्याख्यान किया गया है और उनकी प्रशंसा, वंदना और व्याख्या की गई है । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265   फोन               0091- 7009688414      यह स्तोत्र कोई भी पढ़ सकता है और मां की कृपा प्राप्त कर सकता है यदि आप किसी प्रकार के कष्ट में है कोई वायवीय बाधा आपको परेशान कर रही है।  शनि राहु आदि के प्रकोप से जूझ रहे हैं या आपके साथ कहीं अन्याय हो रहा है तो यह महा कालिका अष्टक आपकी समस्याओ के समाधान में उपयोगी और कार्य सिद्धि देने वाला हो सकता है ।इसमें साधक को महाकाली मंदिर में जा कर ...

महाकाली साधना (mahakali the power)

पिछली पोस्ट में हमने आपको दस महाविद्या   और   महाविद्या महाकाली से अवगत करवाया उनका स्वरूप आदि बताया। इस श्रृंखला में हम अब आपको महाकाली के साधना पथ के बारे में बताएंगे । किस और क्यों महाकाली की साधना करनी चाहिए। और किसे नही करनी चाहिए और क्यों । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414      महाकाली साधना एक अति उग्र साधना है। इस साधना पथ पर साधक जब अग्रसर होता है तो उसे विचित्र अनुभव होते है।  सबसे पहले हम महाकाली के साधक में क्या गुण होने चाहिए यह बताएंगे। सर्व प्रथम तो साधक के अंदर पूर्ण समर्पण , श्रद्धा और एकाग्रता होनी चाहिए। महाकाली का साधक शारीरिक रूप से बली होना चाहिए क्योंकि इनकी साधना करते समय  शारीरिक कष्ट आदि  आते है । द्वितीय साधक को   आत्मिक रूप से बलवान होना चाहिए जिससे कि वह मन्त्र शक्ति और ऊर्जा को सह सके और संतुलित रह सके। महाकाली की साध...

महाविद्या महाकाली

 पिछले पोस्ट में हमने आपको दस महाविद्या के बारे में जानकारी दी उनके नाम और स्वरूप के बारे में थोड़ा सा अवगत करवाया ।इसी श्रृंखला में अब हम आपको बताएंगे प्रथम महाविद्या महाकाली के बारे में। महाकाली कौन है? उनका स्वरूप कैसा है? और उनके और उनकी साधना की कुछ बाते। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414     दस महाविद्या की दीक्षा देते हुए गुरु यह भी देखता है कि शिष्य किस महाविद्या को सिद्ध करने योग्य है। किस महाविद्या में उसकी रूचि है । और किस प्रकार की साधना में वह अग्रसर हो पायेगा। मान लीजिये यदि शिष्य सौम्य स्वभाव का है तो वह उसे कमला या अन्य सौम्य कोटि की साधना दीक्षा उसे दी जाती है। क्योंकि उसका कोमल स्वभाव उस उग्र ऊर्जा को नही सम्भाल पायेगा। और यदि शिष्य बली है तो सौम्य कोटि की साधना  स्वभाव से मेल नही खाएगी और शिष्य सफल नही हो पायेगा । अतः आपसे मेरा एक आग्रह ये भी है कि किसी वेबसाइट आदि ...