सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्यो प्रत्येक मंत्र में प्रयोग होता है ॐ?


क्यों प्रत्येक मंत्र में प्रयोग होता है ॐ?

   मंत्रो के ज्ञान की श्रृंखला में बीज मंत्रो के बारे में लिखने से पहले हम यह बताएंगे कि क्यों प्रत्येक मंत्र के आरंभ में ॐ का प्रयोग होता है। जैसे कि ॐ ऐं ह्रीं क्लीं  चामुण्डाये विच्च:  या कोई भी अन्य मंत्र आप जिसका जाप करते है के आरंभ और किसी  के अंत मे भी ॐ का प्रयोग होता है। हम इसके शारीरिक कारण, भौतिक कारण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण कण सबके बारे  में आपको अवगत करवाने का प्रयास करेंगे।
किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265  
 फोन               0091- 7009688414
       ॐ जैसे कि हम सभी जानते है कि सृष्टी का आरंभ ऊर्जा से हुआ । वह ऊर्जा ॐ में नाद से ही उत्पन्न हुई । ऋग्वेद में हिरण्यगर्भ सूक्त  और नासदीय सूक्त में ॐ की महिमा का गुणगान किया गया है। इसमे लिखा गया है कि  सृष्टि से पहले सत नही था असत भी नही अंतरिक्ष भी नही था आकाश भी नही था

 न मृत्यु थी न जीवन था।  आगे जो हमारे बाकी ग्रन्थ  जैसे मांडूक्य उपनिषद भी ॐ का बखान और महिमा मंडन करते है। कहा जाता है इस सृष्टी का आरम्भ ॐ नाद से उत्पन्न हुई इसी ऊर्जा से हुआ ।ॐ  इस ब्रह्मांड की आवाज़ है। विज्ञान भी इस चीज़ को मानता है कि जो आवाज़ उन्होंने अलग अलग ग्रहों की  या कोई और आवाज़ जो भी रिकॉर्ड की गई वह ॐ जैसी ही है  । मंत्रो में ॐ का प्रयोग भी इसी लिए है कि वह उस मन्त्र की ऊर्जा को समाहित करने के लिए आपके अंदर जो फ्रीक्वेंसी चाहिए उसका निर्माण आपके अंदर करता है।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414


 ॐ कैसे आपको नई ऊर्जा प्रदान करके आपके आंतरिक क्षमता का विकास करता है उसे जानने के लिए हमे इसे समझना होगा कि इसको बोलने से कैसे हमारी  आंतरिक ऊर्जा न निर्माण होता है। ॐ के तीन भाग है आ उ म आ आपके नाभि क्षेत्र पर  उ आपके कंठ पर और म आपके कपाल क्षेत्र पर प्रभाव डालता है।ॐ का एक चौथा और रहस्यमयी भाग भी जी जिसे  कहा जाता है अमात्रा। इसके बारे में हम अलग से पोस्ट करेंगे। ॐ आपके शरीर के अंदर जो ऊर्जा उतपन्न करता है वह भावनात्मक शारीरिक और अशरीरिक क्षेत्रो पर  प्रभाव करता है।
         किसी भी मंत्र के जाप में  आपको आंतरिक और बाह्य समन्वयता होनी आवश्यक है। यदि आप भीतर से ही शांत नही है और शांत नही है तो उस मन्त्र जिसका जाप आप करने जा रहे है के द्वारा जो दैवीय ऊर्जा  उत्पन्न होगी को आप अच्छे से उसे स्वयं में समाहित नही कर पाएंगे।उसके लिए आपको अपने नाभि केंद्र , कण्ठ केंद्र और कपाल क्षेत्र के जागृति के बिना कोई और उपाय नही है। ॐ हमारी भीतरी ऊर्जा एकाग्रता और  हमारी ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार में कार्यान्वित हो कर हमें उस दैवीय शक्ति के विचार सिद्धि कार्य सिद्धि और संतुलन लाने को सम्भव करता है।
किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414

     आगे ॐ को ले कर उर इसके रहस्यमयी रूप को ले कर हम चर्चा करेंगे और आपको इसके तीनो भागो आ उ म और चौथा भाग अमात्रा  से अवगत करवाएंगे की कैसे यह आपके जागृत स्वप्न सुसुप्ति तीनो अवस्थाओ से ले कर आपकी तुरीय अवस्था पर कार्य करता है ।जो कि प्रत्येक साधक के लिए लक्ष्य भी होता है और सिध्दि भी।
ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा Uसके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
  आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए  आप हमे फ़ोन कर सकते है।
किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ह्रीं बीज और इसके लाभ

    मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में आपको ॐ के कुछ रहस्यो से अवगत करवाया गया। इस पोस्ट में आपको  ह्रीं बीज से अवगत करवाऊंगा। ह्रीं बीज क्या है ? हमारी जीवन मे कैसे यह बदलाव ला सकता है और हमारी शक्ति प्रभाव का विस्तार और विचार शुद्धि कैसे कर सकता है यह मंत्र। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414     जैसे कि बीज मंत्रो कस बारे में हमने आपको पिछली पोस्ट में बताया कि बीज मंत्र क्या है और कौन कौन से है । ह्रीं उन बीज मंत्रो में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। और स्थान भी। ह्रीं  शक्ति बीज है । इस बीज मंत्र का संबंध आदि शक्ति मा दुर्गा से है और उनकी कृपा प्राप्ति में यह मंत्र अत्यंत फलदायी है। इस मंत्र के जाप से हमारे शारीरिक विकास , मानसिक संतुलन ,विचार शुद्धि , और सम्पन्नता प्राप्ति सब कुछ संभव है। सबसे पहले हमें जान लेना चाहिए कि बीज मंत्र कार्य कैसे करते है । जब एक साधक शुद्ध अवस्था मे एकाग्रचित्त हो कर किसी भी बीज मंत्र का जाप पाठ ध्यान करता है तो उस बीज मंत्र के उच्चारण  से

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र      मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में मैं के आपको ह्रीं बीज का आपके शारीरिक संतुलन के बारे में बताया । अब हम आपको ह्रीं बीज मंत्र के कुछ मन्त्र प्रयोग  और तंत्र प्रयोग जिनसे की कार्यसिद्धि होती है , से अवगत करवाएंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414 ह्रीं बीज जैसे कि मैंने आपको पहले बताया मा दुर्गा  से संबंधित  है। इस बीज मंत्र के साधारण प्रयोग से कार्यसिद्धि प्रयोग तक है। जैसे कि हमने पहले बताया कि भगवान शिव और  माँ दुर्गा  तन्त्र के अधिष्ठाता है। अतः इस मंत्र से तान्त्रिक प्रयोग और अनंत शक्ति समाहित है । इस बीज मंत्र के द्वारा साधक वशीकरण सम्मोहन मोहन और आकर्षण शक्ति का स्वामी बन सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का प्रभामंडल विकसित जोटा है और व्यक्तित्व में निखार आता है।  व्यक्ति  या साधक  जो भी इस मं

उच्चाटन तंत्र

 उच्चाटन तंत्र जैसा कि हमने पहले बताया कि उच्चाटन का अर्थ है किसी भी चीज़ से मन उचाट हो जाना या कर देना। यह विद्या शत्रुओ को भ्रमित करने के लिए प्रयोग में आती रही है। इस विद्या का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग है  किसी के मन में किसी प्रकार के तनाव भरे ख्यालो या विचारो से मुक्त करना हम कई बार देखते है  कि कभी कभी एक विचार ही मनुष्य की मानसिक संतुलन को बिगाड़ने में काफी रहता है और वह विचार  अंतर मन तक ऐसे घर कर जाता है जैसे उसे कुछ और न समझ आ सके न ही वह उससे उबर ही पाता है। वह विचार किसी भी प्रकार  का हो सकता है प्रेम से संबंधित हो सकता है प्रेम ईर्ष्या शत्रुता या नकारात्मकता ।उच्चाटन विद्या का सही प्रयोग उस व्यक्ति को उस विचार से मुक्त कर सकता है और नई सोच सोचने को मजबूर कर सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  परन्तु इस विद्या का दुरुपयोग  ज्यादा होता है और सदुपयोग कम। दुरुपयोग में कुछ लोभी तांत्रिक  किसी का नुकसान करने  में अधिक  प्रयोग करते है । लोग अपने शत्रुओ प्