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महाविद्या बगलामुखी ( स्तम्भन तत्व )



मित्रों आज इस महाविद्या का उल्लेख मैं आपके सामने लेकर आ रहा हूं और जिस महाविद्या के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं वह महाविद्या आज के समय में सबसे ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली मानी गई है । वह अत्यंत शक्तिशाली महाविद्या है  बगलामुखी महाविद्या । मां बगलामुखी के बारे में आगम निगम ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की उनके मंत्र और उनके तंत्र इसके बारे में जितना प्रचलन है वह हमसे छुपा हुआ नहीं है । प्रत्येक साधक बगलामुखी और उनकी शक्ति इससे परिचित है परंतु जैसे अन्य महाविद्याओं के तत्वों के बारे में हमने चर्चा की । वैसे ही इस पोस्ट में हम वह सब बातें जो कि आज प्रचलित हैं उनके बारे में चर्चा ना करके मां बगलामुखी इस सृष्टि तत्व के बारे में बात करेंगे ।

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           मां बगलामुखी स्तंभन तत्व इसके लिए हमें यह समझना होगा स्तंभन तत्व है क्या । स्तंभन का अर्थ है रोक देना स्तंभन तंत्र के बारे में मैंने पहले एक पोस्ट डाली है आप चाहें अधिक जानकारी के लिए उसे पढ़ सकते हैं। स्तंभन , स्थिरता एक जगह स्थिर हो जाना या एक जगह स्थिर कर देना इस पर बगलामुखी का आधिपत्य है । मां बगलामुखी की पूजा और पूजा की विधियां आपको कई वेबसाइट्स में मिल जाएंगी । परंतु मैं यह चाहता हूं कि मां के  तत्व को आपके सामने लाया जा सके । स्तंभन तत्व हमारी सृष्टि में कैसे विराजमान है । वह स्थिरता हमारी सृष्टि में कैसे विराजमान है और हमारे जीवन में और जीवन के प्रत्येक अंग में प्रत्येक अवस्था में स्तंभन कैसे विराजमान है।




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       मित्रों प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है कि उसके जीवन में स्थिरता हो । वह जो कर रहा है वह बिना किसी व्यवधान के करें बिना किसी बाधा के करें और प्रत्येक व्यक्ति निरंतर किसी न किसी विचार निर्माण या  कुछ भी प्राप्त करने मैं प्रयत्नरत रहता है जैसे महाकाली शून्य तत्व है और माँ तारा कल्पना तत्व और श्री विद्या उस कल्पना के आकर्षण तत्व का नाम है और मां छिन्नमस्तिका,  कल्पना के निर्माण तक जो त्याग बलिदान हमें करने पड़ते हैं उस तत्व का नाम है , वैसे ही भुवनेश्वरी निर्माण तत्व है और उस निर्माण तत्व तक पहुंचने में और पहुंचने के बाद उस स्थिति को प्राप्त करने का जो संघर्ष है , वह भैरवी है । यह यात्रा हम पिछली पोस्ट तक तय कर चुके हैं आज जिस तत्व यात्रा पर हम जा रहे हैं वह किसी भी निर्माण, अविष्कार , प्राप्ति का का अगला आयाम है।
                         वह है स्थिरता स्तंभन , आप विचार शून्य हुए , कोई कल्पना की और उस कल्पना को पूर्ण करने के लिए आपके अंदर इच्छा जागृत हुई और जो बलिदान उसके लिए करने ही पड़े आपने किए और निर्माण की ओर अग्रसर हुए । इसमें आपको कुछ लोगों की आलोचना कुछ और बाधाएं का सामना करना पड़ता है । जिससे कि आपको अनुभव और ज्ञान मिलता है। अब उस ज्ञान को स्थिरता के लिए प्रयोग करना, उस विचार ,उस आविष्कार उस निर्माण की स्थिरता के लिए प्रयोग करना ,  अपने ज्ञान से अपने कौशल्य से अपने अनुभव से प्रत्येक मुश्किल से मुश्किल ,जटिल से जटिल समस्या का भी समाधान कर देना और ऐसी स्थिति उत्पन्न कर देना कि फिर से कभी भी आपके रास्ते में वह  बाधा वह समस्या ना आए यह मां बगलामुखी का स्तंभन तत्व है स्थिरता तत्व है।


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                कभी सोचा है पृथ्वी 24 घंटे में ही अपना चक्र पूरा क्यों करती है । हम कहेंगे ज़रिष्टि का नियम है। सूर्य एक जगह स्तंभित क्यों है । हम कहेंगे सृष्टि की महिमा है ।कोई ग्रह दूसरे ग्रह के एक्सिस  पर क्यों नहीं आता । क्यों किसी विजातीय तत्व से नही टकराता। यह नियम सगम्भन शक्ति से निर्मित नही तो और क्या है? हम जमीन पर चल कैसे पाते हैं । हम उड़ते क्यों नहीं।बड़ा सीधा सा जवाब मिलता है , गुरुत्वाकर्षण परंतु हम यह क्यों नहीं सोचते कि यह जो गुरुत्वाकर्षण है यह भी तो एक शक्ति का प्रतीक है हम यह क्यों नहीं सोचते कि यदि यह गुरुत्वाकर्षण ना होता तो हमारा जीवन कैसे होता हम जमीन पर चलते हैं चांद की तरह हवा में नहीं उड़ते । उसका कारण गुरुत्वाकर्षण है। उसी के कारण पेड़ पौधे प्रत्येक वस्तु जीवित है और अस्तित्व में है तो यह स्तंभन नहीं तो और क्या है । मां बगलामुखी के मंत्रों में यह कहा जाता है कि हे महाशक्ति बगलामुखी  सब प्रकार के विघ्न-बाधाओं दुष्टों, शत्रुओ  को स्तंभित कर दो और एक सुरक्षा चक्र का मेरे आस-पास निर्माण हो जाए जिससे कि कोई बाधा ,व्याधि और दुष्ट या शत्रु मेरे आस-पास ना आ सके। अब वह दुष्ट या शत्रु जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति ही होगा वह  अपना ही कोई विचार भी हो सकता है वो  अपने ही जीवन की कोई ग्रह जनित बाधा या स्थिति परिस्थिति जनित बाधा भी हो सकती है। ऐसे ही ब्रह्मांड में भी जाने कितनी परिस्थितियां ऐसी बनती होंगी जो कि यदि सतम्भन ना हो या स्थिरता तत्व ना हो तो विनाश हो जाए । बहुत से ऐसी विजातीय ऊर्जाएं, meteors, meteorites आदि हमारी पृथ्वी की भी आस पास से गुजरती होगी ।जो कि यदि प्रभाव डाल दे तो जीवन का कोई अस्तित्व ना रहे । कौन सी ऐसी शक्ति है जो कि वह कवच डाले हुए हैं पूरे ब्रह्मांड के संतुलन को बनाए हुए हैं। पूरे ब्रह्मांड को स्थिर किए हुए हैं स्थिरता के बिना जीवन भी क्या है ।

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              पूरे ब्रह्मांड को अपनी शक्ति से बल से और ऊर्जा से संतुलन और नियम में बंधे हुए हैं मैं स्तंभन तत्व ही तो है मां बगलामुखी के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है उनके तत्व के बारे में शायद पूरी तरह से यदि विचार किया जाए तो हम पाएंगे हमारे जीवन की प्रत्येक स्थिति में मां बगलामुखी का तत्व है। शारीरिक बौद्धिक मानसिक सामाजिक और जैविक इन सभी  में इन सभी स्थितियों में इन सभी परिस्थितियों में मां बगलामुखी स्तंभन तत्व ही कहीं ना कहीं स्थिरता और अस्तित्व का कारण है। आगे पोस्ट में मां के स्वरूप , रूप और शक्ति और शक्ति के गुण इनके बारे में हम चर्चा करेंगे परंतु उच्च शक्ति स्वरुप रूप इन सब को जानने के लिए हमें प्रथम तो सबसे पहले अपने अंदर की स्तंभन तत्व और सृष्टि में उनके रहस्य और उनके तत्व जो कि हमारे अस्तित्व का कारण है उसे समझना होगा। अगली पोस्ट में हम स्तंभन तत्व और स्थिरता इन सब की और  चर्चा करेंगे। और जीवन के रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश करेंगे कि कैसे दस महाविद्याओं में से यह महाविद्या अपनी शक्ति और ऊर्जा से हमें संपूर्णता और संतुलित जीवन जीने को प्रेरित और अग्रसर कर सकती है। कैसे हम इस तत्व को समझ कर अपने सभी प्रकार के शत्रु चाहे वह विचार है व्यक्ति है या कोई बाधा , व्यवधान व्याधि रोग है । कैसे किस तत्व को समझ कर हम हम अपने मानसिक सामाजिक और व्यवहारिक जीवन को उच्चतम स्थिति पर ले जा सकते है ।



ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए आप हमे फ़ोन कर सकते है। आनंद हो ज्योतिष केंद्र कॉल -7009688414 व्हाट्स एप्प - 7696568265

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