इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे काम करती है वशीकरण विद्या या किसी भी मन्त्र की ऊर्जा । वशीकरण के बारे में आपको हमने पिछली पोस्ट में बताया था । अब आपको यह बताते है कि क्या प्रभाव है वशीकरण मंत्रो का आप पर आपकी सोच पर और कैसे इसका सकारात्मक प्रयोग रूपांतरित करता है ऊर्जा को । पहले साधना के बारे में बात करेंगे जो कि व्यक्ति स्वयं करता है फिर साधक पर प्रभाव के बारे में और फिर किसी और के द्वारा किसी प्रकार के अनुष्ठान करवाने से कैसे कारण सिद्ध होते है वह भी आपको बताएंगे।
किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
#anandho
जैसा कि आपको पिछली पोस्ट में बताया गया था कि वशीकरण वह विद्या है जिसका निर्माण , सृजन के लिए किया गया था और जिसका प्रयोगजीवन मे किसी भी प्रकार की नकारात्मकता चाहे वह रिश्तो में हो मानसिक रूप से आपके अंदर हो या फिर आपके जीवन मे आने वाली बाधाएं हो , के निराकरण के लिए किया जाता है ।
पिछली पोस्ट में हमने आपको बताया था कि वशीकरण का अर्थ है वश में करना यह सत्य तो है परन्तु पूरा सत्य नही । इस विद्या को बदनाम कर दिया गया है इसका सही रूप लोप से हो गया है । सब बताते है कि किसी को वश में किया जा सकता है परन्तु कोई नही बताता की पहले स्वयं की तुच्छ इछाओ वासनाओ पर भी नियंत्रण होना चाहिए यदि इस विद्या का लाभ उठाना है तो। आज कल विज्ञापन ही इस विद्या को बदनाम करने का तरीका बन गए है । शत्रु कदमो में आ जायेगा प्रेमिका गुलाम हो जाएगी आदि इत्यादि यदि सत्य में ही ऐसा है तो विज्ञापन देने वाला क्यों इतनी मेहनत कर रहा है वो तो सम्पूर्ण जगत का ईश्वर है । क्यों इतनी मेहनत में लगा है । वास्तव में यह विद्या का रूप इतना गलत रूप से पेश किया जा चुका है कि बहुत से गलत लोग इसका फायदा उठाते है और भोले भाले लोगो को लालच दे कर लूट लेते है । आज उन्ही बातो को आपके सामने लाने के लिए आपके सामने यह पोस्ट ले के आये है।
TO subscribe Our
YouTube channel
Click
Anand ho On You Tube
पहले हम बता दे वशीकरण का अर्थ है किसी भी हालात में स्थिति में नकारात्मक ऊर्जा को रूपांतरित करके positiviti सकारत्मक ऊर्जा उत्पन्न करना ।
किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
वशीकरण के बारे में यह बजरं फैलाया जाता है कि आप किसी को भी वश में कर के उसे गुलाम बना सकते है । जबकि सत्य ये है कि यह ऊर्जा किसी को गुलाम नही बनाती अपितु प्रेम की ऊर्जा उसमे उत्पन्न करती है जो कि सकारात्मक रूप से कार्य करती है उस रिश्ते या हालात के पुनर्निर्माण की। #anandho
प्रत्येक मन्त्र की अपनी ऊर्जा है और उसका अपना प्रभाव । मन्त्र ऊर्जा को समझमे से पहले हमें thought process अर्थात हमारे सोचने का तरीका हमारी कल्पना की शक्ति को जानना ज़रूरी है तभी कोई साधना फल देती है और उस ऊर्जा के उन विचारों के उन कल्पनाओं के जगत में अपने आप का अस्तित्व जान लेने और साधना का प्रथम भाग लक्ष्य निर्माण चाहे वह भोग है मोक्ष या अर्थ है किसी भी प्रकार का लक्ष्य है । इसका निर्धारण किसी भी साधना का मूल है। वह मन्त्र ऊर्जा जो आपके अंदर या उन मंत्रो द्वारा उत्पन्न होती है वह कार्य ही करती है आपकी Viberations से। जैसे कि मैं हमेशा कहता हूँ के भगवान तो तथास्तु लिए बैठे है हम कहते है भगवान मैं ये कर सकता हूँ वह कहता है तथास्तु मैं नही कर सकता तथास्तु में यह करूँगा तथास्तु में जगत बुरा है तथास्तु जगत सुंदर है तथास्तु। सब बुरे है तथास्तु सब अच्छे है तथास्तु । यह तथास्तु का अर्थ है कल्पना विचार जैसी होगी वह वैसा ही कार्य करेगी । वशीकरण मंत्र हो या कोई भी मन्त्र इनमे लय का संकल्प का और सामग्रियों और इष्ट स्वरूप का जो भेद है जो विभिन्नता है वह वह इसीलिए है । यदि धन प्राप्ति करनी है तो उसी प्रकार की सामग्री , इष्ट स्वरूप मोहिनी साधना करनी है तो उसी प्रकार का स्वरूप , मारन मंत्रो आदि में उग्र स्वरूप उग्र लय ।
किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
#anandho
मन्त्र आंतरिक रूप से कैसे कार्य करते है यह बहुत ही मुख्य विषय है और विशेष भी । जैसे मैंने पहले भी बताया था ह्रीं में माया तत्व अग्नि तत्व है क्लीं में काम तत्व है श्रीं में लक्ष्मी तत्व तो प्रत्येक प्रकार का मन्त्र प्रत्येक व्यक्ति के अनुकूल नही होता और यदि हम उन्हें अनुकूल बनाना ही हो तो पहले अन्य साधना की जाती है जिससे कि अंदर की ऊर्जा Nueterlise हो सके । जब साधक किसी भी मन्त्र का जाप आदि करता है तो विचार की एकाग्रता अति आवश्यक होती है और विचार ही उस ऊर्जा को निर्देशित करता है कार्यसिद्धि के लिए ।
एकाग्रता चित्त की अवस्था है और चित्त एकाग्र तभी होता है जब आंतरिक ऊर्जा nuetralise होती है ।
To connect via Facebook Click the link Below
Anand ho On Facebook
अब हम बात करते है किस प्रकार साधना साधक में यह शक्ति देती है कि वह नकारात्मक शक्ति को सकारात्मक शक्ति में बदल सके । और कैसे मन्त्र किसी के लिए प्रयोग करने से उसकी ऊर्जा का रूपांतरण कर सकती है। इसका एक वैज्ञानिक उदाहरण मैं देता हूँ। विश्व के किसी भाग में बैठ कर यह फ़ाइल upload की है you tube के server पर । आपने लोग इन किया और सर्च किया किसी टॉपिक पर या आपकी इंटरनल। मेमोरी के base अर्थात आधार पे मेरी वीडियोस आप तक पहुंची । और आपने यह वीडियो अपना डेटा प्रयोग करके इंटरनेट के द्वारा इसे सुना या download किया । यह इंटरनेट तो मनुष्य ने बनाया है मैन मेड है इसी प्रकार साधना जगत भी एक devine इंटरनेट है जिसका
अस्तित्व है ऊर्जा से वह ऊर्जा जो सारे जगत में व्याप्त है । जैसे आप कुछ अपलोड करते है या डाउनलोड वैसे ही मंत्रो की ऊर्जा से ही किसी विचार को अपलोड और download किया जा सकता है जैसे आपके डिवाइस चाहे वो कंप्यूटर हो , या फिर मोबाइल आदि। जो इस काबिल बनाता है coding से वैसे ही मन्त्र वह कॉडिंग है। यह जगत एक सर्वर है और हम सभी और वह devine इंटरनेट ही है जो हमारे विचार हमारी ऊर्जा हमारे सम्बन्ध बन कर हमारा अजतित्व बनाये हुए है । टेलीपैथी शब्द तो सबने सुना है । यह टेलीपैथी ही है । साधक में साधना के द्वारा यह शक्ति व्याप्त होती है जिससे वह ऊर्जा उत्पन्न कर के उसको सही दिशा में निर्देशित कर किसी को भी ऊर्जा दे सकता है ।
किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
For More Videos Like This Click This Link
साधक के पास यदि कोई आता है कि यह कार्य सिद्ध करना है चाहे वह रिश्तो का पुनर निर्माण करना है या गिर कोई अन्य अमुक कार्य तो साधक पहले सही समय का चयन करता है जिसमे की उसी प्रकार की viberation ज़रिष्टि में व्याप्त हो उसे हम नक्षत्र योग तिथि आदि कहेंगे फिर उसी कार्य से सम्बंधित सामग्री का छ्यन करेगा जिस से वह ऊर्जा उत्पन्न हो और फिर उसी प्रकार केके इष्ट और उनके मन्त्र का चयन करेगा फिर आरम्भ होगा संकल्प के द्वारा वह कार्य जिसका मूल विचार होगा वह संकल्प और गिर उसी विचार की एकाग्रता उस व्यक्ति की ऊर्जा पे ।या उस स्थिति की ऊर्जा पे। निश्चित समय मे निश्चित कार्य से सम्बंधित ऊर्जा का विकास और निर्देशन उस स्थिति में नकरात्मकता को replace अर्थात रूपांतरित करती है । याद रखियेगा energy can neither be created nor be destroyed it can only be diverted . उस ऊर्जा का रूपान्तरण ही तँत्र है कैसे अमुक कार्य को सिद्ध किया जाए और किस प्रकार से ऊर्जा का रूपांतरण हो यह ही रहस्य है और यह ही तँत्र। विधि आदि साधन है और लक्ष्य साधना है। यह इतना विस्तृत विषय है कि पूर्ण रूप से एक दम समझाना सम्भव नही । प्रत्येक स्थिति प्रत्येक लक्ष्य और प्रत्येक साधना में कुछ गोपनीय बाते होती है कुछ गोपनीय विधिया होती है जो कि पात्रता के सिद्धान्त पे ही बताई जाती है ।
किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
आनन्द हो ज्योतिष केन्द्र
व्हाट्स एप्प 0091-7009688414
कॉल। 0091-7009688414
Search Google #anandho
OTHER Posts On Vashikaran Tantra
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें