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ह्रीं बीज और इसके लाभ



    मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में आपको ॐ के कुछ रहस्यो से अवगत करवाया गया। इस पोस्ट में आपको  ह्रीं बीज से अवगत करवाऊंगा। ह्रीं बीज क्या है ? हमारी जीवन मे कैसे यह बदलाव ला सकता है और हमारी शक्ति प्रभाव का विस्तार और विचार शुद्धि कैसे कर सकता है यह मंत्र।
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    जैसे कि बीज मंत्रो कस बारे में हमने आपको पिछली पोस्ट में बताया कि बीज मंत्र क्या है और कौन कौन से है । ह्रीं उन बीज मंत्रो में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। और स्थान भी। ह्रीं  शक्ति बीज है । इस बीज मंत्र का संबंध आदि शक्ति मा दुर्गा से है और उनकी कृपा प्राप्ति में यह मंत्र अत्यंत फलदायी है। इस मंत्र के जाप से हमारे शारीरिक विकास , मानसिक संतुलन ,विचार शुद्धि , और सम्पन्नता प्राप्ति सब कुछ संभव है।

सबसे पहले हमें जान लेना चाहिए कि बीज मंत्र कार्य कैसे करते है । जब एक साधक शुद्ध अवस्था मे एकाग्रचित्त हो कर किसी भी बीज मंत्र का जाप पाठ ध्यान करता है तो उस बीज मंत्र के उच्चारण  से जो कंपन और ध्वनि और लय पैदा होती है उससे साधक के अंदर एक दैवीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। उसी ऊर्जा से व्यक्ति को शक्ति आत्मिक प्रकाश, वैचारिक क्षमता का विस्तार, प्रभामंडल(aura) में विस्तार जैसी विभिन्न लाभ मिलते है। भगवती दुर्गा के ह्रीं बीज का जाप ॐ का पूरक ही मन जाता है । ॐ की तरह ही ह्रीं भी सर्व सामर्थ्य युक्त  बहुत ही फलदायक और रहस्यो से भरपूर है।


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      ह्रीं बीज मंत्र के लिए जाप की विधिया भी है और ध्यान की भी। यह बीज मंत्र सत्य में ही वह बीज है जो कि व्यक्ति को समृद्ध ज्ञानी और चेतन करता है। इसके भौतिक फायदे भी है जैसे कि सम्पन्नता  ह्रीं बीज को यदि व्यक्ति विधिपूर्वक यही विचार ले के प्रयोग करता है कि मुझे समृद्धि चाहिए तो यह व्यक्ति के लिए नई सम्भावनाये , नए सकारात्मक हालात उत्तपन्न करने में पूर्ण सक्षम है।

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        इस बीज मंत्र का जाप और लय पूर्ण उच्चारण  तथा एकाग्रचित्त ध्यान शारीरिक आपके हृदय, थाइरोइड ग्लैंड,  मस्तिष्क के चारो ग्लैंड पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालता है।  हृदय की धड़कन बढ़ना आज के समय मे आम समस्या है और इसी से बहुत से लोग पीड़ित है । इस मंत्र के प्रतिदिन ध्यान से  हृदय की धड़कन बढ़ने जैसी समस्या  तक ठीक होती है । मानव शरीर के अंदर मस्तिष्क का एक हार्मोन होता है जिसे सेरोटोनिन हार्मोन कहा जाता है । ह्रीं बीज के जाप से सेरोटोनिन का संतुलन होता है जिससे कि डिप्रेशन आदि की समस्या दूर होती है। ह्रीं बीज की  ई कार की ध्वनि पेनक्रियाज पर अत्यंत प्रभावशाली है । इससे मधुमेह भी नियंत्रित होता है।
   
             तन्त्र मंत्र में  ह्रीं बीज का स्थान स्वयं में अन्यतम है।इस पोस्ट मे हमने आपको इस बीज के कुछ फायदे बताये अगली पोस्ट में हम आपको इसके कुछ प्रयोग उनका प्रभाव और कार्यसिद्धि के कुछ उपायों से अवगत करवाएंगे।
 

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ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा Uसके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है।

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ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र      मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में मैं के आपको ह्रीं बीज का आपके शारीरिक संतुलन के बारे में बताया । अब हम आपको ह्रीं बीज मंत्र के कुछ मन्त्र प्रयोग  और तंत्र प्रयोग जिनसे की कार्यसिद्धि होती है , से अवगत करवाएंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414 ह्रीं बीज जैसे कि मैंने आपको पहले बताया मा दुर्गा  से संबंधित  है। इस बीज मंत्र के साधारण प्रयोग से कार्यसिद्धि प्रयोग तक है। जैसे कि हमने पहले बताया कि भगवान शिव और  माँ दुर्गा  तन्त्र के अधिष्ठाता है। अतः इस मंत्र से तान्त्रिक प्रयोग और अनंत शक्ति समाहित है । इस बीज मंत्र के द्वारा साधक वशीकरण सम्मोहन मोहन और आकर्षण शक्ति का स्वामी बन सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का प्रभामंडल विकसित जोटा है और व्यक्तित्व में निखार आता है।  व्यक्ति  या साधक  जो भी इस मं

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