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स्तम्भन तंत्र सत्य या मिथ्या

              

    स्तम्भन तंत्र सत्य या मिथ्या ?

     

   
        जैसा कि हमने आपको पिछली पोस्ट में मारण वशीकरण उच्चाटन के बारे में जानकारी दी अब हम आपको स्तम्भन क्रिया से अवगत कराएंगे। स्तम्भन क्रिया तंत्र की महत्वपूर्ण क्रिया है जिसका उल्लेख प्रत्येक तन्त्र ग्रंथ और  तांत्रिक की विधियों में होता है।  स्तम्भन शक्ति  को सही से समझने के लिए हमे स्तम्भन शब्द का अर्थ सही से  समझना होगा और इसके प्रयोग को समझने से पहले हमें इसके अस्तित्व को जानना होगा।

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        क्या है स्तम्भन ?
       स्तम्भन का अर्थ है किसी भी वस्तु या व्यक्ति विशेष को रोक देना या किसी बंधन में बांध देना। तन्त्र में स्तम्भन क्रिया समझने से पहले हमें सृष्टि में स्तम्भन किस प्रकार से विद्यमान है ,को समझना होगा। विज्ञान भी मानता है के अभी ग्रह और पृथ्वी भी  अपनी आवृति एक निश्चित समय मे पूरा करते है। और अपने एक्सिस पर घूमते है तो यह स्तम्भन के बिना संभव नही है। ये सूर्य पृथ्वी सम्पूर्ण सृष्टि का जो संतुलन है वह कही न कही स्तम्भन शक्ति के द्वारा ही संभव हो पाता है।  हमारे जीवन मे भी संतुलन लाने वाली सभी अवस्थाओ को कही न कही स्तम्भन शक्ति के द्वारा ही माना जा सकता है। क्योंकि स्तम्भन को हम अगर सकारात्मक रूप से देखे तो उसका अर्थ स्थिरता भी है। और स्थिरता के बिना संतुलन नही आ सकता।

 

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          स्तम्भन शक्ति का सदुपयोग किया जाता है  स्तम्भन तन्त्र का प्रयोग करके  अपने बुरे विचारों बुरे कर्मो का स्तम्भन करके परंतु दूसरा पहलू यह भी है कि स्तम्भन शक्ति का प्रयोग तांत्रिक किसी पर बंधन क्रिया  भी करते है। अचानक चल रहा व्यापार बन्द हो जाता है या किसी का रिश्ता बांध दिया जाता है  या किन्ही और क्षेत्रो पर स्तम्भन शक्ति का दुरुपयोग  किया जाता है। स्तंभन शक्ति का दुरुपयोग करने से जिस पर यह प्रयोग किया जा रहा है उसकी जीवन शक्ति क्षीण हो जाती है और आर्थिक संतुलन से लेकर मानसिक और जैविक संतुलन भी बाधित होता है

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           स्तंभन शक्ति का दुरुपयोग अत्यधिक रूप में किसी के शुभ कार्य , जीवन की उन्नति और परिवारिक विकास को बाधित करने के लिए किया जाता है अनेकों तांत्रिक कुछ रुपयों के लिए या किसी अन्य लालच के लिए या  अहंकारवश इस शक्ति का दुरुपयोग करते हैं इस शक्ति का दुरुपयोग होने से मानसिक शांति भंग होना या फिर अचानक चलता चलता काम रुक जाना और या फिर आपके महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आ जाना होता है।यदि हम ये कहे जी स्तम्भन शक्ति का दुरुपयोग किया जाता है किसी को किसी समस्या में डाल देने में और ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि वह व्यक्ति केवल उसी समस्या के वर्तुल में फस कर उसी के इर्द गिर्द चक्कर लगाता रहता है और उन्नति नही कर पाता जो कि प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य होता है  तो यह गलत नही होगा।

       इस शक्ति का दुरुपयोग लक्ष्य प्राप्ति को बाधित करता है जैसा की हमने आपको पहले भी बताया कि यह शक्ति संतुलन की शक्ति है और यदि आप पर कोई ऐसा प्रयोग इस  शक्ति का किया गया हो तो यह संतुलन से असंतुलन में भी परिवर्तित हो जाती है। स्तंभन का प्रयोग आज बहुत ही आम हो गया है। हम अक्सर अपने आसपास ऐसी चीजों को देखते हैं कि किसी का अच्छा भला चलता हुआ काम अचानक से रुक गया या फिर कोई बहुत अच्छा कमा रहा था परंतु उनके परिवार का मुखिया जोकि उस घर को चला रहा था अचानक से अस्वस्थ हो गया और उनका बीमारियों पर पैसा लगना शुरू हो गया किसी का बच्चा बहुत प्यारा और बहुत हंसमुख था अचानक से वह किसी बुरी सँगति में चला गया और गलत पथ पर चल पड़ा ।

    घर में परिवार में बहुत सा प्यार था बहुत प्यार था पर अचानक से घर में कलह रहने शुरू हो गई और किसी भी वक्त सब लोग इकट्ठे नहीं बैठ पाते
  पति पत्नी एक दूसरे की पीठ पीछे तो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं परंतु जैसे ही सामने आते हैं एक दूसरे से गुस्सा करने लगते हैं।

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     कोई बहुत महत्वपूर्ण कार्य होते होते अचानक रुक जाता है किसी की शादी होते होते अचानक टूट जाती है
      कोई किसी प्रकार की न्यायिक समस्या में फंस जाता है
   इन सबके ग्रहों से संबंधित कारण भी होते हैं परंतु कुछ कारण स्तंभन तंत्र ऐसा कोई तंत्र का उन पर दुरुपयोग भी हो सकता है यह दुरुपयोग किसी भी कारणवश हो सकता है ईर्ष्या द्वेष स्पर्धा या फिर अपने ही कर्मों का फल।
 
        यह तो थी स्तंभन का दुरुपयोग अब हम आगे स्तंभन के सदुपयोग की बात करेंगे यदि आप स्तंभन तंत्र का सदुपयोग करें तो आप जीवन में अभूतपूर्व संतुलन की प्राप्ति कर सकते हैं। स्तंभन तंत्र कई विधिया अत्यंत गोपनीय है और किसी सिद्ध गुरु से ही प्राप्त की जानी चाहिए इसमे यज्ञ विधान से ले के मंत्र जाप तक का विधान है। यदि आप इस शक्ति का प्रयोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते है जिसमे लक्ष्मी सुख ऐश्वर्य आपसी प्यार और अच्छी जीवन शैली का स्तम्भन आदि सम्मिलित है। आगे की किचर्चा में हम आपको तंत्र की इस शाखा से संबंधित कुछ देवी देवताओं और उनकी कृपा प्राप्ति के बारे में प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे जिसमें की  महामृत्युंजय तंत्र  दुर्गा सप्तशती तंत्र  और  बगलामुखी तंत्र  भैरव तंत्र  आदि  प्रयोगों  के बारे में  विवरण  दिया जाएगा जिससे कि आपको इस संबंधित ज्ञान मिल सके।
ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
भोलेनाथ सब के सभी कार्य सम्पूर्ण करे जय महाकाल

  आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए  आप हमे फ़ोन कर सकते है।

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टिप्पणियाँ

  1. सर मुझे निद्रा स्तंभन के विषय में बताए ।

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  2. मुझे अघोर मंत्र के सही विस्तार से सिद्धि के विषय में भी बताये उत्कीलन कैसे हो और करण्यास इत्यादि

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  3. अगर किसी ने किसी के ऊपर कियाहै तो उससे कैसे निकले,,मार्गदर्शन करें

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  4. गुरुजी, उच्चाटन या स्तम्भन का असर कितने दिन या साल तक रहता है।

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