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महाविद्या कमला (सम्पन्नता तत्व)


मित्रो शून्य तत्व से लेकर निपुणता तत्व पर से अग्रसर हो कर हम सम्पन्नता तत्व  और दसवीं महाविद्या पर पहुंच चुके है । वह महाविद्या है भगवती कमला और सृष्टी और हमारे जीवन के जिस तत्व का यह महाविद्या प्रतिनिधित्व करती ही वह है सम्पन्नता तत्व । महाविद्या कमला का स्वरूप सौंदर्य आभा अति सुंदर है।

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         संपन्नता कौन नहीं चाहता प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक कार्य में और प्रत्येक कार्य के अंत में संपन्नता के लिए ही अग्रसर होता है । व्यक्ति कुछ भी करता है वह कहीं ना कहीं सामाजिक मानसिक और भौतिक संपन्नता के लिए करता है । दस महाविद्या के इन तत्वों को समझने के बाद में यह जो आखिरी तत्व है (संपन्नता तत्व) यह ही प्रत्येक आविष्कार प्रत्येक कार्य और प्रत्येक विचार का लक्ष्य होता है । संपन्नता की परिभाषा प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग है किसी के लिए सौंदर्य है , धन हो सकता है, किसी के लिए समाज में प्रतिष्ठित होना , तो किसी के लिए साधना की उच्च स्थिति पर स्वयं को पाना । शून्य तत्व से लेकर संपन्नता तत्व हमारी सृष्टि और हमारे जीवन में पूर्ण रुप से विद्यमान हैं।


             किसी की वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो सकती है वह समस्या बाधा या विघ्न , उसे संपन्नता तक पहुंचने के लिए बाधित कर सकती है। किसी के व्यापार में कोई समस्या हो सकती है या किसी की रोजगार में कोई समस्या हो सकती है किसी में किसी भी कारण से आत्मविश्वास की कमी हो सकती है , वह भी एक समस्या है जो कि संपन्नता की ओर अग्रसर होने में बाधाएं प्रस्तुत करती है । यह सब बातें मैं आपसे क्यों कर रहा हूं इसलिए कि हमें प्रत्येक बाधा विघ्नों और समस्या के निराकरण में दस महाविद्या के तत्वों को समझ लेने से पूर्णता और संपन्नता निश्चित प्राप्त होती ही है । यदि हम समझ जाए हम इस संपन्नता तत्व को प्राप्त कर सकते हैं तो निश्चित ही हम हमारी लक्ष्य पूर्ति जो कि  अंततः संपन्नता की ओर ही हमें ले जाएगा से हमारे प्रगति पथ पर आने वाली प्रत्येक बाधा और विघ्न को अंगीकार करके निपुणता तत्व से होते हुए हम संपन्नता तत्व तक पहुंच सकते हैं । मां कमला  महालक्ष्मी का महाविद्या रूप है। महालक्ष्मी की साधना से हमें धर्म अर्थ काम मोक्ष प्राप्त होता है और महालक्ष्मी का साधक उच्च पदासीन प्रतिष्ठित और प्रत्येक रुप से संपन्न होता है तो मित्रों यदि हमें महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त करनी है तो वह  इस महाविद्या के बिना अधूरी है और महालक्ष्मी का सम्पन्न रूप दस महाविद्या में यह कमला महाविद्या है। इन का रूप अत्यंत सौम्य और इनकी आभा अत्यंत सुंदर है।  सौंदर्य और संपन्नता का प्रतिनिधित्व करती हैं यह महाविद्या कमला । प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह सर्व गुण संपन्न होते हुए उच्च प्रतिष्ठित भी हो तो मित्रों इस महाविद्या को जान लेने से इनके तत्व को आत्मसात कर लेने से और इनके तत्व को पूर्ण रुप से समझ लेने से इस दुनिया में कोई भी ऐसा लक्ष्य नहीं है जिसकी पूर्ति ना हो। दस महाविद्या के प्रत्येक तत्व को पूर्णरूपेण समझ लेने से कोई ऐसा विषय नहीं , कोई ऐसा समस्या नहीं जिसका निराकरण ना हो सके । चाहे वह भौतिक हो , सामाजिक हो, मानसिक हो या धन संबंधी समस्या । मां कमला के संपन्नता तत्व तक पहुंचने वाला साधक परम ज्ञान (Supreme Intelligence) के  पड़ाव को पार करके ज्ञानियों में श्रेष्ठ और प्रत्येक अवस्था में महाज्ञानी रूप मैं पहचान पाता है मैं फिर से दोहरा रहा हूं समस्या किसी प्रकार की भी दस महाविद्या का साधक इतना सक्षम होता है कि वह प्रत्येक समस्या बाधा विघ्नों जो कि उसके रास्ते में प्रदर्शित होते हैं को अपने ज्ञान कौशल्य और कर्मठता से विजय पाता है और अंत में ज्ञानी प्रतिष्ठित और पूर्णरूपेण जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संपन्न होकर जीवन के अंत और उसके बाद भी पहचान बना कर जाता है ।

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                दस महाविद्या का साधक अपने जीवन को महायज्ञ की तरह जीता है उसका जीवन केवल धन कमाना या भोग करने जैसे विषयों में ही सिमट कर रह कर इस सृष्टि और उसके तत्व इस सृष्टि और उसकी ऊर्जा और जीवन के रहस्य को जानकर जनकल्याण और मनुष्यता की रक्षा करना भी होता है। यदि हम दस महाविद्या की साधना समझ ले और 10 महाविद्या के तत्वों को समझ ले तो यह सृष्टि हमें अनंत ऊर्जा अनंत ज्ञान और कभी ना खत्म होने वाले क्षमता देती है और दस महाविद्या का साधक  संपूर्ण मानवता सिर्फ मानवता ही नहीं संपूर्ण सृष्टि का होता है और संपूर्ण सृष्टि उसकी । दस महाविद्या की सत्ता अनंत है दस महाविद्या का साधक ऐसे रहस्य को समझता है जो कि किताबों में नहीं मिलते । संपन्नता तत्व के बारे में हम एक और पोस्ट डालेंगे और इसके बाद में हम 10 महाविद्या और उनके रूप-स्वरूप और उनकी शक्ति और शक्ति के गुण के बारे में चर्चा करेंगे और आगे पोस्ट में हम यह भी बताएंगे कि कैसे 10 महाविद्या व्यक्ति को परम ज्ञान उपलब्ध कराती है । और कैसे हम उनके तथ्यों में और उनकी शक्ति उनके रूप को स्वयं में और स्वयं के अंदर स्थापित कर महा चेतना (Higher Dimensions of consciousness) को प्राप्त कर सकते हैं
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