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दस महा विद्या (supreme intelligence)

दस महाविद्या(supreme intelligence) मित्रो मुझे काफी दिन से इनबॉक्स में दस महाविद्या  से सम्बंधित प्रशन मिल रहे है । तो मैं आप सब को दस महाविद्या के बारे में बताना चाहूंगा। इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे दस महाविद्या के सम्बंध में । दस महा विद्या क्या है ?क्या है उनका अस्तित्व? देवी के किन रूपो को दस महाविद्या कहा जाता है?। और क्या है उनके रहस्य? इन सब बातों को हम अलग अलग पोस्ट में चर्चा करेंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414   दस महाविद्या (supreme intelligence)           जैसे कि हम नाम से ही जान सकते है कि दस महाविद्या का अर्थ है वह विद्याएं जो सभी विद्याओ से महान हो। भगवती दुर्गा का दूसरा नाम शक्ति है और शक्ति के बारे में तो हम सभी जानते हैं ऊर्जा , शक्ति यही हमारे अस्तित्व का कारण है चाहे वह प्राण ऊर्जा हो शारीरिक  शक्ति हो मानसिक शक्ति हो सब ऊर्जा और शक्...

शिव भक्त बाबा बालक नाथ जी

बाबा बालकनाथ जी   हिन्दू  आराध्य हैं, जिनको उत्तर-भारतीय राज्य  हिमाचल प्रदेश  ,  पंजाब  ,  दिल्ली  में बहुत श्रद्धा से पूजा जाता है, इनके पूजनीय स्थल को “दयोटसिद्ध” के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर  हिमाचल प्रदेश  के  हमीरपुर जिले के चकमोह गाँव की पहाड़ी के उच्च शिखर में स्थित है। मंदिर में पहाडी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है, ऐसी मान्यता है, कि यही स्थान बाबाजी का आवास स्थान था। मंदिर में बाबाजी की एक मूर्ति स्थित है, भक्तगण बाबाजी की वेदी में “ रोट” चढाते हैं, “ रोट ” को आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है, यहाँ पर बकरे की बलि नहीं चढ़ाई जाती बल्कि उनका पालन पोषण करा जाता है। बाबाजी की गुफा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है, लेकिन उनके  दर्शन  के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से  दर्शन  कर सकती हैं। मंदिर से करीब छहः कि॰मी॰ आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है, ऐसी मान्यता है, क...

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि 13 फरवरी 2018 को शिवरात्रि पर्व है ।महाशिवरात्रि शिव की कृपा पाने और उनकी पूजा अर्चना करने का उत्तम समय है। इस दिन साधक को व्रत आदि कर महामृत्युंजय मंत्र या शिव के किसी और दीक्षित मन्त्र की साधना करनी चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए और शिव स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414         फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है । माना जाता है कथाओं के अनुसार सृष्टि का जन्म इसी दिन हुआ अधिकतर लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन अग्नि लिंग से सृष्टि का उदय हुआ ।पुराणों के अनुसार शिव और पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ । और शिव के नील कंठ रूप की कथा अनुसार समुद्र मंथन  भी शिवरात्रि को ही हुआ । शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए विषपान किया और न  वैसे तो साल में 12 शिवरात्रि आती हैं परंतु महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। ...

माँ बगलामुखी साधना

                   माँ बगलामुखी साधना मां बगलामुखी जी आठवी महाविद्या हैं। यह स्तम्भन की देवी हैं. जिनके कार्य क्षेत्र में वार्तालाप -वाद-विवाद आदि अधिक आती हो जैसे अधिवक्ता ,प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक लोग ,शास्त्रार्थ ,प्रवचन ,ज्योतिष ,सेल्स  आदि से सम्बंधित लोग ,बार-बार रोगादि से परेशान हो ,असाध्य और लंबी बीमारी से पीड़ित हो ,आय के स्रोतों में उतार-चढ़ाव से परेशान हो , उन्हें बगलामुखी देवी की साधना -आराधना-पूजा करनी चाहिए । हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। इसलिए, हल्दी का रंग पीला होने से इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहते हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं।  अर्थात इनकी साधना में  सफलता पाने के लिए प्रथम शिव की कृपा प्राप्त अवश्य करनी चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र की साधना इस साधना से पहले अत्यंत फलदायी है। या फिर ॐ नमः शिवाय का पाठ भी किया जा सकता है।                जो लोग शत्रु-विरोधी अधिका...

श्रीं के प्रयोग

श्रीं के प्रयोग    मित्रो  जैसे कि पिछली पोस्ट में हमने आपको श्रीं मंत्र से अवगत करवाया । इस पोस्ट में हम आपको श्रीं मंत्र के प्रयोग आपको समझाएंगे । श्रीं मन्त्र की साधना भी ह्रीं जैसे ही पहले ध्यान पूर्वक किया जाना चाहिए तथा शुद्ध भाव से इसका ह्रीं की तरह ही गुंजन  ध्यान किया जाना चाहिए।  ह्रीं में उग्र प्रयोग भी है परन्तु श्रीं में अधिकतर सौम्य प्रयोग ही होते है। इसका प्रयोग अधिकतर   सौंदर्य प्राप्ति धन प्राप्ति और  महालक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414     जिस व्यक्ति पर महालक्ष्मी  की कृपा हो उसके जीवन मे कोई अभाव कैसे रह सकता है। अब मैं आपको इसका एक प्रयोग बताऊंगा  जो कि आपकी समृद्धि  सम्पूर्णता  और सम्पन्नता के लिए मा महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में आपको सक्षम करेगा।  साध...

श्रीं बीज

श्रीं बीज      बीज मंत्रो की श्रृंखला में आपको आज हम श्रीं बीज मंत्र और उसके प्रभाव के बारे में अवगत करवाएंगे । पिछली पोस्ट में  हमने आपको ह्रीं मन्त्र और उसके कुछ प्रयोगों के बारे में अवगत करवाया।  यह बीज मंत्र और उनकी साधना इतनी लाभदायक और रहस्यमयी है  कि इनकी महिमा की व्याख्या अनन्त है और कभी खत्म न होने वाली है। इनके स्वरूप की प्रशंसा जितनी कि जाए उतनी कम है । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414       श्रीं बीज मंत्र के बारे में अब हम बात करेंगे । ह्रीं की तरह ही श्रीं बीज भी  अत्यंत प्रभावशाली सुख समृद्धि के दरवाजे आपके लिए खोलने वाला है। श्रीं बीज मन्त्र सुख ऐश्वर्या शांति देने वाला मंत्र है।       श्रीं बीज का संबंध महालक्ष्मी से है यह कुंजी है दुनिया की सबसे ररहस्यमयी और शक्तिशाली विद्या की  जिसको हम श्री विद्या के नाम से ज...

ह्रीं बीज तन्त्र साधना

     मित्रो जैसे कि मैंने आपको पिछली पोस्ट में ह्रीं बीज कके मंत्र साधना के बारे बताया इस पोस्ट में में आपको ह्रीं  साधना का तांत्रिक प्रयोग बताऊंगा।  ह्रीं साधना का प्रयोग  ऐश्वर्य प्राप्ति, नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने, रोग हरण करने , और शत्रु से विजयी होने में किया जाता है । अब मैं आपको सबसे पहले वशीकरण प्रयोग बताऊंगा। इसमे साधना के लिए आपको  ज़रूरत होगी अखंड ज्योति की ,नारियल की, पूजन सामग्री , फल फूल ,धूप इत्यादि की। इस प्रयोग में आपको लाल वस्त्र का प्रयोग करना है और लाल ही फूल  लाल ही सिंदूर । आपका आसन लाल ही होना चाहिए। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265   फोन               0091- 7009688414 माला मूंगे की माला का प्रयोग इसमे किया जाता है । लाल रंग इस साधन को मंगल से जोड़ता है तो इस साधना को करने से पहले साधक को गोचर में मंगल की स्थिति उसके अनुकूल पहर और समय का ज्ञान होना आवश्यक है। इस  साधना...