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श्रीं बीज

श्रीं बीज 

    बीज मंत्रो की श्रृंखला में आपको आज हम श्रीं बीज मंत्र और उसके प्रभाव के बारे में अवगत करवाएंगे । पिछली पोस्ट में  हमने आपको ह्रीं मन्त्र और उसके कुछ प्रयोगों के बारे में अवगत करवाया।  यह बीज मंत्र और उनकी साधना इतनी लाभदायक और रहस्यमयी है  कि इनकी महिमा की व्याख्या अनन्त है और कभी खत्म न होने वाली है। इनके स्वरूप की प्रशंसा जितनी कि जाए उतनी कम है ।
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      श्रीं बीज मंत्र के बारे में अब हम बात करेंगे । ह्रीं की तरह ही श्रीं बीज भी  अत्यंत प्रभावशाली सुख समृद्धि के दरवाजे आपके लिए खोलने वाला है। श्रीं बीज मन्त्र सुख ऐश्वर्या शांति देने वाला मंत्र है।

      श्रीं बीज का संबंध महालक्ष्मी से है यह कुंजी है दुनिया की सबसे ररहस्यमयी और शक्तिशाली विद्या की  जिसको हम श्री विद्या के नाम से जानते है। श्री विद्या के बारे में बहुत सारी पोस्ट डाली जाएंगी आगे पर आज  हम बात करेंगे श्रीं बीज की। जैसे कि मैंने बताया की श्रीं बीज का संबंध महालक्षमी से है तो यह बात भी साथ मे है कि यह मंत्र सभी प्रकार की आर्थिक भौतिक और कुटुम्ब से संबंधित क्षेत्रों में साधक को पूर्ण करता है।

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                   इस बीज का अर्थ है श्रीं बना है श् +र् +ई + बिंदु से |
मंत्र का अर्थ : श् महालक्ष्मी के लिए , र् = धन सम्पति को ,  ई = महामाया, नाद = विश्वमाता एवं बिंदु = दुखहरण है।
सम्पूर्ण बीज मंत्र अर्थ : हे धन सम्पति की विश्वमाता महालक्ष्मी मेरे दुःख का हरण करे |
 कुछ मंत्रो में श्रीं ह्रीं को एक साथ भी प्रयोग किया जाता है। यह बीज साधक को जीवन की नई सम्भावनाये तरक्की के नए रास्ते प्रदान करता है। साधक जब इस मंत्र का ध्यान करता है तो एक सकारात्मक ऊर्जा उसमे उतपन्न होती हैजो की उसे निराशा से बच कर अपने जीवन क्षेत्र में नई ऊंचाई हासिल करने में मदद करता है । जो व्यक्ति  या साधक इस मंत्र को पूर्णतया   आत्मसात कर लेता है भौतिक जीवन में उसे कोई कमी नही आ सकती। श्रीं का साधक निश्चित ही उच्च पद प्राप्त करके  परम भोग का आनंद लेता है। यह समय बीज है तो यह बीज तो प्रत्येक साधक को करने की सलाह दी जाती है । यह व्यक्ति के अंदर की बुराई और आलस्य को खत्म कर साधक के वचेतन मन के अंदर के बुरे संस्कारो का दमन  करता है ।
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 शारीरिक लाभ में यह मंत्र  डिप्रेशन , उदासी नकारात्मकता का अंत करता है।  व्यक्ति के हृदय चक्र पर अत्यंत अच्छा प्रभाव डालता है और जीवन जीने की एक नई विच्चह पैदा करता है। इस  मन्त्र के प्रयोग और उपयोग आगे  हम आपसे सांझा करेंगे । आप सभी पाठकों   से  अनुरोध है कि इस ब्लॉग को अपनी रीडिंग लिस्ट में शामिल करें  ताकि तबतर मन्त्र के सत्य को आप तक पहुंचाने का जो मेरा प्रयत्न है में उसमे सफल हो पाऊँ।
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ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए आप हमे फ़ोन कर सकते है।

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