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वशीकरण विद्या ( क्या , क्यों , कैसे) #anandho

  #anandho             हमे अक्सर फ़ोन आते है वशीकरण क्रिया के बारे में। इसकी जानकारी प्राप्त करने हेतु या फिर  इस क्रिया के लिए।  कुछ बाते इस विद्या के बारे में चर्चा का विषय है। कुछ बाते ज़रूरी है सबके लिए जान लेना चाहें वह वशीकरण का साधक है या वशीकरण विद्या का जिज्ञासू या इससे कार्यसिद्धि प्राप्त करने की इच्छा रखने वाला। सबसे पहले हम बात करते है क्या है  वशीकरण । वशीकरण तँत्र के षट्कर्मों में से एक है यह सौम्य विद्या है जो कि मन्त्र के द्वारा तँत्र के द्वारा या यन्त्र शक्ति के द्वारा सिद्ध प्रयोग और प्राप्त की जाती है । वशीकरण विद्या का अर्थ है वश में करना । इसमे सभी इष्ट देवियो देवताओ आदि के मन्त्र प्रयोग किये जाते है। जैसे कि मैं हमेशा एक बात पर ज़ोर देता हूँ कि शक्ति कोई भी है  किसी भी प्रकार की है , उर्जास्वरूप है । और ऊर्जा ही है जो आधार है हमारे जीवन का नव रसों में श्रृंगार और हास्य रस से इस विद्या का सम्बन्ध माना जा सकता है । माया , सौम्यता , सौंदर्य , और ऐशवर्य का भी इस क्रिया से सम्बन्ध है । वशीकरण में मुख्यतः  शु...

9 का रहस्य(नवरात्र विशेष) #anandho

मित्रो आपको नवरात्र की बहुत शुभकामनाएं। आदि शक्ति मां  दुर्गा आप सब पर कृपा करे ऐसी मेरी कामना है। सृष्टी कि ऊर्जा स्वरूपा मां शक्ति आपको सम्पूर्णता खुशियां और अनन्त क्षमताएं आशीर्वाद के रूप में प्रदान करे। मित्रो आज हम माँ के नौ रूपो के साथ साथ सृष्टि मे 9 के अस्तित्व की चर्चा करेंगे । 9 रस है, 9 रंग, 9 ही ग्रह है और 9 ही रत्न।  एक नवजात शिशु के जन्म का चक्र 9 महीने का है और मृत्यु के बाद बरसी भी 9 महीने में की जाती है।  काल के नौ खण्ड है और 9 ही मां दुर्गा के नवरात्र। हम सभी नवरात्र को शक्ति के पर्व के रूप में मानते और जानते है।                       परन्तु इसका रहस्य क्या है कि 9 का इतना महत्व है इसका उत्तर हमे अंक विद्या से प्राप्त होता है । अंक विद्या में मूल अंक 9 को अनन्त माना गया है और जीवन का आधार भी । 1 को आप 9 बार 1 1 1 1 1 1 से जोड़े तो उत्तर 9 होगा 2 को 9 बार जोड़े तो 18 आता है जिसका जोड़ 9 है 3 को 9 जोड़े उतर आता है 27 जिसका जोड़ भी 9 है 4 को 9 बार जोड़े उतर 36 आता है , जोड़ 9 हुआ 5 को 9 बार जोड़े तो उ...

नव रस (जीवन का आधार)

मित्रो एक नए विषय पर आज चर्चा करेंगे और यह विषय है नव रस । वह नव रस जो आपके जीवन  मे प्रतिपल अवस्थित है । आपके जीवन के घटने वाली प्रत्येक घटना से ले कर आपके द्वारा की जाने वाली प्रत्येक क्रिया का मूल आधार है। इन नव रसों के बारे में अधिक चर्चा नही की गई है। तँत्र का मूल आधार आपकी आंतरिक व्यवस्था और आंतरिक क्षमता है। और तँत्र सर्व विद्यमान है । तँत्र सभी क्रियाओ और जीवन की प्रत्येक अवस्था मे पूर्ण रूपेण अवस्थित है। तँत्र तत्व साधना के बिना अधूरा है और तत्व साधना रस ज्ञान के बिना अधूरी।         आपका भय, निर्भयता, हर्ष, उल्लास, दुख , उर्जाहीनता, ऊर्जावान होना, आपका क्रोध ,आपकी शांति, कोई भी कल्पना, कोई भी आकर्षण, कोई भी त्याग कोई भी निर्माण कोई भी संघर्ष , किसी भी स्थिति में स्थिरता, किसी भी अवस्था मे निपुणता और सम्पन्नता , यह  सब तत्व ही तो है आपके जीवन के, और सिर्फ तत्व ही नही प्रत्येक क्रिया का कारण भी।  तत्व ज्ञान तक संपूर्णता प्राप्त करने के लिए आपको रस ज्ञान होना अति आवश्यक है। क्योंकि क्रिया का कारण भी तो किसी मूल रस पर आधारित होता है।...

शिव के 10 रुद्रावतार #anandho

                   #anandho         शिव के अवतारों के बारे में जानने के लिए आपको शक्ति के अस्तित्व को भी पहचानना होगा। आपको इस पोस्ट में हम शिव के दशावतारों के नाम बताएंगे और उनके स्वरूप का थोड़ा विवरण देंगे। शिव के अवतारों  की शिव रूपी यात्रा को शुरू करने से पहले आपको एक बात कहना चाहूंगा कि शिव को यदि ऊपर ऊपर से ही जानोगे तो  सृष्टि रहस्यो से अछूते रह जाओगे। शिव नाम ही स्वयम में समुद्र भी गहरा है और आसमान से भी ऊंचा। और शिव नाम अग्नि से अधिक ज्वलन्त है  और हिमशिखर से भी ठंडा। और इस सर्वव्यापी अस्तित्व को यदि सत्य में ही जानना है और उनके प्रत्येक अवतार को सत्य में ही समझना है तो आपको शिव तक पहुंचने के लिए शक्ति के अस्तित्व से जाए बगैर कोई रास्ता नही है। शक्ति के रूप स्वरूप और दस महाविद्या के अस्तित्व को जाने बगैर आप शिव के उन अवतारों का नाम तो जान सकते है परन्तु उनका अस्तित्व नही । आप उनके रूप को जान सकते है परन्तु उनके सृष्टि में विद्यमान होने को नही जान सकते। किसी भी समस्या  के समाधान के ल...

बीज मंत्र और उनकी ऊर्जा

मित्रो एक प्रश्न  हमे प्राप्त हुआ कि क्या हम अलग अलग बीज मंत्रो को मिला सकते है? और अगर यदि मिला सकते है तो कौन कौन सा बीज मंत्र है जिसको हम एक साथ जप सकते है। तो मित्रो इसको जानने के लिए आपको बीज मंत्रो के विज्ञान उनकी ऊर्जा और आपके आंतरिक प्रभाव को जानना होगा। सबसे पहले हमें जानना होगा कि कौन सा बीज मंत्र किस प्रकार  की ऊर्जा और किस प्रकार की ऊर्जा रूपान्तरण कर सकता है। यहां हम कुछ बीज मंत्रो का उल्लेख कर रहे है इसके बाद हम आपको उनके इष्ट या ऊर्जा के बारे में बताएंगे। ह्रीं बीज मंत्र:- ह्रीं माया बीज है जिसमे की ह से शिव , र से प्रकृति , ईकार से महामाया , नाद से विश्वमाता , बिंदु से दुख हर्ता। अतः इस बीज मंत्र का ऊर्जा विचार और आह्वान हुआ कि हे शिव युक्त प्रकृति रूप में महामाया मेरे दुख का हरण कीजिये ।इसके बारे में आगे अलग पोस्ट और विस्तृत रूप से आपको जल्द ही प्राप्त होगी।  श्रीं बीज मंत्र यह महालक्ष्मी का बीज मंत्र है। यह सौम्य ऊर्जा से सम्बंधित है । इसमें श से महालक्ष्मी र से धन ऐशवर्य ईकार से तुष्टि और बिंदु से दुखहरन की ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह बीज मंत्...

MAHA MRITYUNJAY MANTRA(KARYASIDHI)

As discussed earlier in my post THE POWER OF MAHA MRITYUNJAY  it was explained  that how powerfull maha mrityunjay mantra is. In this post we shall discuss how the power of maha mrityunjay is helpfull in many spheres of life and how it can be utilised in our daily life and life issues. Maha mrityunjay mantra is  ||ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!|| This mantra is the shloka in rigveda which means,"we praise lord shiva who has three eyesand who is the giver of the energy to every moment and breath and grants every devine boon  with his power.we pray to lord ahiva to bless us and help us to get rid of every trouble every problem."            Every problem and every  hurdel in the  way to the progress  and peace can be washed and solved through the power of mantra. In every type of problem this mantra acts as a protective shield to the sadhak who recites this man...

The Power Of Maha Mrityunjay Mantra #anandho

  #anandho Everybody knows the hindu god shiva who is said to be aadi (oldest)and anaadi(from the start of the universe). Bhagwan shiv  is  also known with the name of mrityunjay maha dev. किसी भी समस्या के समाधान के लिये संपर्क करे आनंद हो ज्योतिष केंद्र कॉल।        7009688414 व्हाट्स एप्प 7009688414             A story which is very famous among hindus is  the story of rishi markandeya who had an alp aayu yoga in his kundli (which means earlier death). And he was suggested to recite maha mrityunhjay mantra  of bhagwan shiv  for protection from death. He recited MAHA MRITYUNJAY MANTRA and when yamraj the god of death came BHAGWAN MAHA MRITYUNJAY(shiva) came to protect him from death and  yamraj had to go back and shri markandeya ji lived long. With the devine blessings of shiva he was not only protected from death but also granted the boon of knowledge and devine  blessings. Shri marka...