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महाविद्या मातंगी (निपुणता तत्व )2

मित्रों पिछली पोस्ट में हमने आपको निपुणता तत्व महाविद्या मातंगी के तत्व से अवगत करवाया । इस पोस्ट में  हम निपुणता तत्व हमारे जीवन में कैसे संपन्नता ला सकता है और निपुणता तत्व हमारे जीवन में कैसे विद्यमान है और कैसे इस तत्व को समझ कर हम अपने जीवन की सभी मुश्किलों से छुटकारा पा सकते हैं इसके बारे में चर्चा करेंगे। निपुणता तत्व के बारे में जानने के लिए आप पिछली पोस्ट पढ़ सकते हैं ।इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हैं आज के समय में पग पग पर स्पर्धा है ,  पग पग पर समस्याएं हैं । वह समस्याएं भौतिक शारीरिक और सामाजिक और मानसिक सभी प्रकार से हमें प्रभावित करती हैं । मानसिक समस्याएं और सामाजिक समस्याएं कहीं ना कहीं हमें संपन्नता की ओर अग्रसर होने में बाधा उत्पन्न करती  हैं । अपने जीवन में संपन्नता पाने के लिए हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उन मुश्किलों का हल हम अपनी कार्यकुशलता और चातुर्य से कर सकते हैं। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन        ...

महाविद्या मातंगी (निपुणता तत्व)

तत्वज्ञान की श्रंखला में हम निपुणता तत्व तक पहुंच गए हैं । आज हम बात करेंगे निपुणता तत्व के बारे में । आज हम बात करेंगे भगवती माता की महाविद्या मातंगी के बारे में और सृष्टि में विद्यमान उनके निपुणता तत्व के बारे में । इस पोस्ट में हम जानेंगे कि कैसे शून्य तत्व से लेकर स्तंभन तत्व से अग्रसर होकर  एकात्म तत्व प्राप्त करके और फिर अपने जीवन में निपुणता प्राप्त कर सकते हैं । भगवती मातंगी को तांत्रिकों की सरस्वती भी कहा जाता है ।मां सरस्वती ज्ञान और किसी भी कार्य में निपुणता , वाक्पटुता और किसी भी लक्ष्य में पूर्ति के लिए जो विशेषज्ञता और जो ज्ञान चाहिए वह मां सरस्वती कि कृपा के बिना संभव कहां है। सरस्वती का आधिपत्य ही ज्ञान पर है । सरस्वती मां के स्वरूप को अगर समझा जाए और भगवती मातंगी के रूप में सरस्वती के तंत्रोक्त रूप को समझा जाए तो हम यह जान पाएंगे इस सृष्टि में निपुणता तत्व महाविद्या मातंगी के रूप में कैसे विद्यमान है । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन    ...

एकात्म तत्व 2

       परमात्मा बीज रूप में हमे बहुत कुछ देता है परंतु हम ही उलझे रहते है।  जन्म के साथ जो मिलता है साधना से हम सृष्टि को हज़ार गुना दे सकते है । वह शक्ति हम में विराजमान होती है हमे जीवन मिला है निर्माण करने को। हमे जीवन मिला है  इस सृष्टी में इस सृष्टि के लिए यदि हम प्रतिपल कर्मठ नही है और प्रतिपल इस विचार का स्पंदन हमे नही महसूस होता कि हमे सृष्टी और जीवन का कृतज्ञ रह कर और बेहतरी के लिए निर्माण करना है। तो निश्चित ही  हम उस शक्ति से पीठ कर के बैठे है जो कि जीवन के रूप में हमे प्राप्त है। हमे  मन को बनाना है एक दर्पण  के वह  शक्ति का प्रतिबिंब फलित हो सके खुद में दर्शन पा सके हम उस शक्ति का उस महाविद्या तत्व का ।  मन को उस स्थिति में तैयार करना होगा,तैयारी के लिए हमे मन को खाली करना होगा ताकि नए विचार को जन्म दे  पाए। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688...

महाविद्या धूमावती (एकात्म तत्व)

मित्रों आज जिस महाविद्या के बारे में हम उल्लेख करने जा रहे है वह  दस महाविद्या की सबसे रहस्यमयी और प्रभावशाली और महत्वपूर्ण शक्ति तत्व है । उस महाविद्या का नाम है धूमावती महाविद्या और सृष्टि के उस तत्व को धूमावती प्रतिनिधित्व करती है ,वह तत्व है एकात्म तत्व।  पिछली पोस्ट में हमने आपको भगवती बगलामुखी के बारे में बताया और उनके  तत्व से आपको अवगत करवाया । इस पोस्ट में हम आपको मां धूमावती के एकात्म तत्व के बारे में विवरण देंगे । संघर्ष के बाद में एक समय ऐसा भी आता है जब आप अपनी शक्ति को पूर्ण रूप से एकत्रित करके सभी बाधाओं को दूर करते हैं । ऐसे समय में आपके साथ कुछ ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न होती हैं जहां के आप अपने विचार निर्माण को लेकर बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं और आपके विचार या निर्माण के कारण लक्ष्य प्राप्ति के संघर्ष के कारण आप किसी ऐसी मानसिक स्थिति में भी पहुंच जाते हैं जहां के आपके उस लक्ष्य विचार या निर्माण की आलोचना और आप का संघर्ष आपको बिल्कुल अकेला कर देता है ।   किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्...

महाविद्या बगलामुखी ( स्तम्भन तत्व )

मित्रों आज इस महाविद्या का उल्लेख मैं आपके सामने लेकर आ रहा हूं और जिस महाविद्या के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं वह महाविद्या आज के समय में सबसे ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली मानी गई है । वह अत्यंत शक्तिशाली महाविद्या है  बगलामुखी महाविद्या । मां बगलामुखी के बारे में आगम निगम ग्रंथों में बहुत प्रशंसा की उनके मंत्र और उनके तंत्र इसके बारे में जितना प्रचलन है वह हमसे छुपा हुआ नहीं है । प्रत्येक साधक बगलामुखी और उनकी शक्ति इससे परिचित है परंतु जैसे अन्य महाविद्याओं के तत्वों के बारे में हमने चर्चा की । वैसे ही इस पोस्ट में हम वह सब बातें जो कि आज प्रचलित हैं उनके बारे में चर्चा ना करके मां बगलामुखी इस सृष्टि तत्व के बारे में बात करेंगे । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7696568265   फोन               0091- 7009688414            मां बगलामुखी स्तंभन तत्व इसके लिए हमें यह समझना होगा स्तंभन तत्व...

महाविद्या भैरवी (संघर्ष तत्व)

दस महाविद्या के तत्व ज्ञान की श्रृंखला में हम महाविद्या भैरवी (संघर्ष तत्व) तक पहुंच गए है। भैरवी त्रिपुर सुंदरी का ही विध्वंसक और उग्र रूप कही जाती है। इनकी साचना उग्र होती है रास्ते की सभी बाधाओं चाहे वह भूत पिशाच की हो या ग्रह जनित बाधाएं, चाहे वह कार्य सिद्धि से सम्बन्धित हो चाहे  कोई अभीष्ट लक्ष्य की प्राप्ति के पथ पर आने वाली बाधाएं ।इन सबका अंत करने वाली महाविद्या है भैरवी। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414         अब हम पहले इनके सृष्टी में तत्व और हमारे जीवन मे विद्यमान होने को जानने के लिए चर्चा करेंगे। भगवती महाकाली से ले कर भगवती छिन्नमस्तिका तक अंधकार, प्रकाश,कल्पना,आकर्षण,त्याग, निर्माण तक के तत्वों के बारे में हम चर्चा कर चुके है और प्रत्येक महाविद्या कैसे सम्बंधित तत्व का प्रतिनिधित्व करती है वह भी आपको हम बता चुके है। किसी भी अविष्कार निर्माण  और लक्ष्य प्...

छिन्नमस्तिका महाविद्या (त्याग तत्व)

महाकाली अंधकार तत्व है(  महाविद्या महाकाली )   माँ तारा उस अंधकार में प्रकाश तत्व  महाविद्या तारा (कल्पना तत्व)   और श्री विद्या उस प्रकाश में आकर्षण तत्व  श्री विद्या ( आकर्षण तत्व) और भुवनेश्वरी निर्माण तत्व है  महाविद्या भुवनेश्वरी (निर्माण तत्व)  वैसे ही यह पांचवी महाविद्या छिन्नमस्तिका जो कि त्याग तत्व है। कोई भी कार्य कल्पना या स्वप्न बिना त्याग के संभव नहीं । प्रत्येक , स्वप्न , कल्पना और आविष्कार से निर्माण तक जो श्रृंखला है वह बिना त्याग के कैसे संभव है । किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414    आज तक जितने भी कवि जितने भी वैज्ञानिक जितने भी लेखक जितने भी अविष्कारक हुए  हैं उनके आविष्कार निर्माण और प्रसिद्ध होने में जो त्याग छिपा है , और कुछ भी प्राप्त करने के लिए जो त्याग और बलिदान होता है , उसके बिना शायद ही कोई कल्पना वास्तविक रूप में आ सके । यह जो ...