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तन्त्र और ज्योतिष

तन्त्र और ज्योतिष


 जैसा कि हम आपको पिछली पोस्ट में तन्त्र और योग के बारे में अवगत करवाया। अब हम आपको तन्त्र में ज्योतिष की भूमिका के बारे में अवगत करवाएंगे। जैसे कि पहले भी हमने आपको बताया कि तन्त्र , आयुर्वेद, योग,ज्योतिष,मंत्र, और यन्त्र विद्या का समनव्य है । तन्त्र में सभी विद्याएं अपना अपना भाग निभाती है। ज्योतिष भी अपना भाग निभाता है। तन्त्र की किसी भी क्रिया को बिना नक्षत्र ,ऋतु और ग्रह गोचर के करना उसकी सफल प्रयोग की संभावना को कम करता है । पंचांग के बिना तांत्रिक विधियां अधूरी है। जैसे कि वशीकरण के लिए सम्बन्धित ऋतु संबंधित ग्रह का गोचर और सम्बंधित नक्षत्र का होना कार्यसिद्धि को और प्रबल और सुलभ बना देता है ।

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           तन्त्र और तांत्रिक क्रियाओं में ग्रहों का बहुत महत्व है। मान लीजिए के किसी की कुंडली में कोई ग्रह कोई योग या कुछ ऐसी स्थिति हैं जो कि उसके जीवन को प्रभावित कर रही है।  तो तन्त्र क्रियाओ से उसे सही किया जा सकता है। ऐसे में तांत्रिक उस समस्या या उस ग्रह से सम्बंधित क्रिया, उसके अनुकूल नक्षत्र और ऋतु में  उसी से सम्बंधित इष्ट और सामग्री से समस्या का निदान कर सकता है।

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मारण तन्त्र का मंगल राहु और शनि से संबंध है। वशीकरण का शुक्र से सतम्भन का सूर्य और गुरु से उच्चाटन का राहु और केतु से। ऐसे ही  क्रिया, इष्ट और उनकी कृपा प्राप्ति से कार्यसिद्धि ज्योतिष से संबंधित है । एक योग्य तांत्रिक को ज्योतिष का ज्ञान भी अवश्य ही होना चाहिए। और यदि व्यक्ति इस ज्ञान से वंचित है तो निश्चित ही कार्य सिद्धि की संभावना अधिक प्रबल नही रहती।

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    एक सफल तांत्रिक एक कुशल ज्योतिषी भी अवश्य होना चाहिए । और आयुर्वेद के ज्ञान से भी परिपूर्ण होना चाहिए। तन्त्र को  हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे और  समय की चाल या समय के साथ चलने वाला ही अच्छा तांत्रिक हो सकता है। ना कि रूढ़िवादी बातो में फस कर या प्रपंच रच कर आडम्बर की दुनिया में रह कर। तन्त्र अविष्कारक और निर्माणकारी है ना कि विध्वंसक । अगली पोस्ट में हम  निश्चित ही तन्त्र और ज्योतिष का और ज्ञान और विवरण आपको प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेंगे।


ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
  आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए  आप हमे फ़ोन कर सकते है।

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