सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

तन्त्र और ज्योतिष

तन्त्र और ज्योतिष


 जैसा कि हम आपको पिछली पोस्ट में तन्त्र और योग के बारे में अवगत करवाया। अब हम आपको तन्त्र में ज्योतिष की भूमिका के बारे में अवगत करवाएंगे। जैसे कि पहले भी हमने आपको बताया कि तन्त्र , आयुर्वेद, योग,ज्योतिष,मंत्र, और यन्त्र विद्या का समनव्य है । तन्त्र में सभी विद्याएं अपना अपना भाग निभाती है। ज्योतिष भी अपना भाग निभाता है। तन्त्र की किसी भी क्रिया को बिना नक्षत्र ,ऋतु और ग्रह गोचर के करना उसकी सफल प्रयोग की संभावना को कम करता है । पंचांग के बिना तांत्रिक विधियां अधूरी है। जैसे कि वशीकरण के लिए सम्बन्धित ऋतु संबंधित ग्रह का गोचर और सम्बंधित नक्षत्र का होना कार्यसिद्धि को और प्रबल और सुलभ बना देता है ।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे

आनन्द हो ज्योतिष केंद्र

 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265  

 फोन               0091- 7009688414

           तन्त्र और तांत्रिक क्रियाओं में ग्रहों का बहुत महत्व है। मान लीजिए के किसी की कुंडली में कोई ग्रह कोई योग या कुछ ऐसी स्थिति हैं जो कि उसके जीवन को प्रभावित कर रही है।  तो तन्त्र क्रियाओ से उसे सही किया जा सकता है। ऐसे में तांत्रिक उस समस्या या उस ग्रह से सम्बंधित क्रिया, उसके अनुकूल नक्षत्र और ऋतु में  उसी से सम्बंधित इष्ट और सामग्री से समस्या का निदान कर सकता है।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे

आनन्द हो ज्योतिष केंद्र

 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265  

 फोन               0091- 7009688414


मारण तन्त्र का मंगल राहु और शनि से संबंध है। वशीकरण का शुक्र से सतम्भन का सूर्य और गुरु से उच्चाटन का राहु और केतु से। ऐसे ही  क्रिया, इष्ट और उनकी कृपा प्राप्ति से कार्यसिद्धि ज्योतिष से संबंधित है । एक योग्य तांत्रिक को ज्योतिष का ज्ञान भी अवश्य ही होना चाहिए। और यदि व्यक्ति इस ज्ञान से वंचित है तो निश्चित ही कार्य सिद्धि की संभावना अधिक प्रबल नही रहती।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे

आनन्द हो ज्योतिष केंद्र

 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265  

 फोन               0091- 7009688414

    एक सफल तांत्रिक एक कुशल ज्योतिषी भी अवश्य होना चाहिए । और आयुर्वेद के ज्ञान से भी परिपूर्ण होना चाहिए। तन्त्र को  हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे और  समय की चाल या समय के साथ चलने वाला ही अच्छा तांत्रिक हो सकता है। ना कि रूढ़िवादी बातो में फस कर या प्रपंच रच कर आडम्बर की दुनिया में रह कर। तन्त्र अविष्कारक और निर्माणकारी है ना कि विध्वंसक । अगली पोस्ट में हम  निश्चित ही तन्त्र और ज्योतिष का और ज्ञान और विवरण आपको प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेंगे।


ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
  आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए  आप हमे फ़ोन कर सकते है।

You Tube link

 आनंद हो

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे

आनन्द हो ज्योतिष केंद्र

 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265  

 फोन               0091- 7009688414


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ह्रीं बीज और इसके लाभ

    मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में आपको ॐ के कुछ रहस्यो से अवगत करवाया गया। इस पोस्ट में आपको  ह्रीं बीज से अवगत करवाऊंगा। ह्रीं बीज क्या है ? हमारी जीवन मे कैसे यह बदलाव ला सकता है और हमारी शक्ति प्रभाव का विस्तार और विचार शुद्धि कैसे कर सकता है यह मंत्र। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414     जैसे कि बीज मंत्रो कस बारे में हमने आपको पिछली पोस्ट में बताया कि बीज मंत्र क्या है और कौन कौन से है । ह्रीं उन बीज मंत्रो में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। और स्थान भी। ह्रीं  शक्ति बीज है । इस बीज मंत्र का संबंध आदि शक्ति मा दुर्गा से है और उनकी कृपा प्राप्ति में यह मंत्र अत्यंत फलदायी है। इस मंत्र के जाप से हमारे शारीरिक विकास , मानसिक संतुलन ,विचार शुद्धि , और सम्पन्नता प्राप्ति सब कुछ संभव है। सबसे पहले हमें जान लेना चाहिए कि बीज मंत्र कार्य कैसे करते है । जब एक साधक शुद्ध अव...

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र      मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में मैं के आपको ह्रीं बीज का आपके शारीरिक संतुलन के बारे में बताया । अब हम आपको ह्रीं बीज मंत्र के कुछ मन्त्र प्रयोग  और तंत्र प्रयोग जिनसे की कार्यसिद्धि होती है , से अवगत करवाएंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414 ह्रीं बीज जैसे कि मैंने आपको पहले बताया मा दुर्गा  से संबंधित  है। इस बीज मंत्र के साधारण प्रयोग से कार्यसिद्धि प्रयोग तक है। जैसे कि हमने पहले बताया कि भगवान शिव और  माँ दुर्गा  तन्त्र के अधिष्ठाता है। अतः इस मंत्र से तान्त्रिक प्रयोग और अनंत शक्ति समाहित है । इस बीज मंत्र के द्वारा साधक वशीकरण सम्मोहन मोहन और आकर्षण शक्ति का स्वामी बन सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन   ...

उच्चाटन तंत्र

 उच्चाटन तंत्र जैसा कि हमने पहले बताया कि उच्चाटन का अर्थ है किसी भी चीज़ से मन उचाट हो जाना या कर देना। यह विद्या शत्रुओ को भ्रमित करने के लिए प्रयोग में आती रही है। इस विद्या का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग है  किसी के मन में किसी प्रकार के तनाव भरे ख्यालो या विचारो से मुक्त करना हम कई बार देखते है  कि कभी कभी एक विचार ही मनुष्य की मानसिक संतुलन को बिगाड़ने में काफी रहता है और वह विचार  अंतर मन तक ऐसे घर कर जाता है जैसे उसे कुछ और न समझ आ सके न ही वह उससे उबर ही पाता है। वह विचार किसी भी प्रकार  का हो सकता है प्रेम से संबंधित हो सकता है प्रेम ईर्ष्या शत्रुता या नकारात्मकता ।उच्चाटन विद्या का सही प्रयोग उस व्यक्ति को उस विचार से मुक्त कर सकता है और नई सोच सोचने को मजबूर कर सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  परन्तु इस विद्या का दुरुपयोग  ज्यादा होता है और सदुपयो...