तन्त्र में मंत्रो का महत्व
मंत्र क्या है? तन्त्र में इनका क्या महत्व है यह जाने बिना तन्त्र द्वारा कार्य सिद्धि प्राप्त नही की जा सकती। हमारी आंतरिक शक्ति की जागृति से ले कर हमारी बाह्य शक्तियों की प्राप्ति तक मंत्र का महत्व पूर्ण कार्य है।किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
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मंत्रों का ज्ञान इतना विस्तृत है कि वह एक पोस्ट में सम्मिलित करना असंभव है और मंत्र वह कुंजी है। जिनके द्वारा सृष्टि चक्र को समझना तंत्र की प्राप्ति और कार्य सिद्धि प्रत्येक चीज संभव है परंतु आज मंत्रों के उच्चारण और उनको समझने के लिए जिज्ञासुओ को सही रास्ता मिलना अत्यंत कठिन हो गया है मंत्रों की सत्ता इतनी विराट है के यह प्रत्येक व्यक्ति को उच्चतम ज्ञान स्थिति की ओर ले कर जा सकती है ।आज के समय मे जो कि प्रतिस्पर्धा का समय है मंत्रों का ज्ञान होना अपने आप में अन्यतम है। मंत्र के बिना तंत्र अधूरा है और मंत्र योग की तरह ही आंतरिक बदलाव लाने में सक्षम है और बिना मंत्रों की जानकारी के आप तंत्र द्वारा कार्य सिद्धि लेने में सक्षम नहीं हो सकेंगे तंत्र के द्वारा कार्य सिद्धि ना हो पाने का कारण आज मुख्यतः ज्ञान का अभाव है और इस अभाव को पूर्ण करने के लिए जिज्ञासा साधना और सेवा और मंत्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझना आवश्यक है और मंत्र रहस्यमय होने के साथ-साथ ज्ञान शक्ति और कार्यसिद्धि से भरपूर है ।साधक को चाहिए कि तंत्र और तंत्र के नियमों को जानने के साथ-साथ मंत्र मंत्रों की सत्ता उनके उच्चारण को समझे और कार्य सिद्धि प्राप्त करें।
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