सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्रीं बीज मंत्र


 क्रीं बीज मंत्र
     दस महाविद्या की श्रृंखला में  इस वक़्त हम महाविद्या महाकाली के  बारे में कुछ पोस्ट में चर्चा कर रहे है। पिछली पोस्ट में हमने आपको महाविद्या महाकाली के स्वरूप ,साधक गुण , और किसे यह साधना करनी चाहिए और क्यों , यह सब  बताया। अब इस पोस्ट में  हम आपको  क्रीं बीज मंत्र साधना बताएंगे।  
         जैसे ह्रीं और श्रीं के बारे में पिछली पोस्ट में हम बता चुके है । ह्रीं शक्ति बीज है तो श्रीं लक्ष्मी बीज वैसे ही क्रीं महाकाली की साधना का बीज मन्त्र है । इसकी साधना तीनो तरीको से की जा सकती है। मानसिक ,उपांशु और वाचिक। जैसे ह्रीं शक्ति का प्रतीक है और श्रीं सम्पन्नता का वैसे ही क्रीं बीज मंत्र निर्भयता  और उग्र ऊर्जा का प्रतीक है।
किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414
                    क्रीं बीज मंत्र की साधना किसी भी प्रकार की वायवीय बाधा, कष्ट, शत्रुओ से छुटकारा पाने के लिए तथा  सभी प्रकार से रक्षा के लिए किया जाता है। भगवती महाकाली की यह साधना सामान्य व्यक्ति भी कर सकता है। और साधक को तो यह साधना सम्पन्न करनी ही चाहिए। जिससे आने वाले समय मे उसे रक्षा ज्ञान और ऊर्जा प्राप्त हो।     इस साधना को करने के लिए  साधक  ध्यान करते हुए ॐ की तरह क्रीं मन्त्र बोल सकता है। शांत चित्त हो कर  साधक स्नान आदि करके   पहले अपनी दैनिक पूजा करे  और  शिव को स्मरण करके कुछ देर ॐ करे और उसके पश्चात क्रीं मन्त्र का जाप करे क्रीईई ईईईईईईईईईईईईइम्म्ममम्ममम्मम्ममम्ममम्ममम्ममम्ममम्म। की लय से भगवती भद्रकाली का ध्यान करके मानसिक रूप से अपने लिए सुरक्षा की प्रार्थना करे। जितने समर्पण से साधक इस बीज मंत्र को आत्मसात करेगा उतनी ही  अधिक इस मंत्र की ऊर्जा उसे प्राप्त होगी। इस साधना में कोई अधिक विधि विधान नही है परंतु  आंतरिक वैचारिक और शारीरिक शुद्धि अनिवार्य है यथा शक्ति यथा सामर्थ्य इस बीज मंत्र का कुछ देर जप किया जाना चाहिए। यह साधना रात्रि में की जाए तो अधिक फायदेमंद होगी।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414
          वस्त्र आदि  में यदि साधक को लाल वस्त्र उपलब्ध है तो अति उत्तम अन्यथा  साधक काले रंग को छोड़ कर कोई भी रंग के उपलब्ध वस्त्र पहन सकता है।  धूप दीप सामान्य  रूप से दे शनिवार को भगवती महाकाली के मंदिर में अवश्य जाये और  उनसे प्रार्थना करे।
                यह था मानसिक प्रयोग या कहे के सामान्य प्रयोग। एक प्रयोग और नीचे लिखा जा रहा है जो कि इसी बीज मंत्र का है और कार्यसिद्धि हेतु अत्यंत प्रभावशाली है। परंतु ये प्रयोग गुरु कृपा के बाद ही किया जाए तो अच्छा। मानसिक रूप से असंतुलित कामी और चंचल स्वभाव के व्यक्ति पहले  अन्य साधनाओ के द्वारा स्वयं को पात्र बनाये और फिर यह साधना की ओर अग्रसर हो।
     साधना सामग्री
 भद्रकाली का चित्र
 महाकाली यन्त्र
 सरसो के तेल का दीपक 
 गुग्गुल लोबान आदि
  काली हकीक माला
   लाल वस्त्र
   
  साधना दिशा
   दक्षिण
  साधना समय 
 कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या  रात्रि तक
 जप संख्या
16000

         
 विशेष ; यह साधना उग्र साधना है । और अत्यंत प्रभावशाली है । इसका प्रयोग केवल आत्म रक्षा या भगवती की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। किसी के ऊपर इस प्रयोग करना स्वयं के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।

मन्त्र -क्रीं क्रीं क्रीं  कालिकायै स्वाहा

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414


    साधक  दक्षिणाभिमुख मुख हो कर नारियल आदि स्थापित कर के महाकाली यंत्र आदि स्थापित करे। भगवान गणेश का स्मरण करते हुए गुरु स्मरण करते हुए  धूप दीप इत्यादि जला कर संकल्प ले ( संकल्प के लिए ह्रीं साधना देखे।) साधक को लाल वस्त्र ही पहनने है। और साधना कक्ष शांत होोना चाहिए । यथाशक्ति मौन ही रहना होगा इस साधना में ।धूप दीप  बाद साधक को प्राण प्रतिष्ठित माला को प्रणाम करना  चाहिए। 
भैरव जी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।इसके उपरांत साधक को चाहिए कि गुरु मंत्र की माला करे और उसके उपरांत क्रीं बीज मंत्र की माला शुरू करनी चाहिए ।  भगवती महाकाली के भद्रकाली रूप को स्मरण करते हुए साधना  प्रारम्भ करते हुए निश्चित जाप प्रति रात्रि करना चाहिए। 
              साधना पूर्ण होने के बाद दशांश हवन गुग्गुल काले तिल आदि से किया जाना चाहिए  और भगवती महाकाली मंदिर में जा कर भनत स्वरूप प्रसाद आदि चढ़ाना चाहिए । साधना पूर्ण होने पे  साधना सामग्री माला और यन्त्र चित्र को मंदिर में रखना चाहिए और अन्य सामग्री जल प्रवाह कर देनी चाहिए।
       यह साधना हमने यह पूरी नही लिखी है कुछ सामग्रियों के बारे में अति गुप्त रूप से बताये जाने का बंधन होने के कारण और साधना का दुरुपयोग न हो इस विचार से सभी बातें ब्लॉग पे लिखना भी शायद हानिकर हो सकता है। अतः इस साधना को करने के लिए अपने गुरु जी की कृपा अवश्य प्राप्त करे।
You Tube link

आनंद हो

ब्लॉग के माध्यम से हम यह कोशिश करेंगे के तंत्र के मूल स्वरूप को समझ कर हम आपको महादेव भगवान शंकर और माँ दुर्गा के इस सृष्टि रहस्य से अवगत करा सके। और गुरु शिष्य परम्परा से आपको अवगत करा सके जो कि तंत्र मंत्र और इनके ज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आपके प्रश्न जिज्ञासा या परेशानी के लिए आप हमे फ़ोन कर सकते है।

किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे
आनन्द हो ज्योतिष केंद्र
 व्हाट्स एप्प   0091-7696568265 
 फोन               0091- 7009688414

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ह्रीं बीज और इसके लाभ

    मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में आपको ॐ के कुछ रहस्यो से अवगत करवाया गया। इस पोस्ट में आपको  ह्रीं बीज से अवगत करवाऊंगा। ह्रीं बीज क्या है ? हमारी जीवन मे कैसे यह बदलाव ला सकता है और हमारी शक्ति प्रभाव का विस्तार और विचार शुद्धि कैसे कर सकता है यह मंत्र। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414     जैसे कि बीज मंत्रो कस बारे में हमने आपको पिछली पोस्ट में बताया कि बीज मंत्र क्या है और कौन कौन से है । ह्रीं उन बीज मंत्रो में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। और स्थान भी। ह्रीं  शक्ति बीज है । इस बीज मंत्र का संबंध आदि शक्ति मा दुर्गा से है और उनकी कृपा प्राप्ति में यह मंत्र अत्यंत फलदायी है। इस मंत्र के जाप से हमारे शारीरिक विकास , मानसिक संतुलन ,विचार शुद्धि , और सम्पन्नता प्राप्ति सब कुछ संभव है। सबसे पहले हमें जान लेना चाहिए कि बीज मंत्र कार्य कैसे करते है । जब एक साधक शुद्ध अवस्था मे एकाग्रचित्त हो कर किसी भी बीज मंत्र का जाप पाठ ध्यान करता है तो उस बीज मंत्र के उच्चारण  से

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र

ह्रीं बीज मंत्र और तंत्र      मित्रो जैसे कि पिछली पोस्ट में मैं के आपको ह्रीं बीज का आपके शारीरिक संतुलन के बारे में बताया । अब हम आपको ह्रीं बीज मंत्र के कुछ मन्त्र प्रयोग  और तंत्र प्रयोग जिनसे की कार्यसिद्धि होती है , से अवगत करवाएंगे। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414 ह्रीं बीज जैसे कि मैंने आपको पहले बताया मा दुर्गा  से संबंधित  है। इस बीज मंत्र के साधारण प्रयोग से कार्यसिद्धि प्रयोग तक है। जैसे कि हमने पहले बताया कि भगवान शिव और  माँ दुर्गा  तन्त्र के अधिष्ठाता है। अतः इस मंत्र से तान्त्रिक प्रयोग और अनंत शक्ति समाहित है । इस बीज मंत्र के द्वारा साधक वशीकरण सम्मोहन मोहन और आकर्षण शक्ति का स्वामी बन सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का प्रभामंडल विकसित जोटा है और व्यक्तित्व में निखार आता है।  व्यक्ति  या साधक  जो भी इस मं

उच्चाटन तंत्र

 उच्चाटन तंत्र जैसा कि हमने पहले बताया कि उच्चाटन का अर्थ है किसी भी चीज़ से मन उचाट हो जाना या कर देना। यह विद्या शत्रुओ को भ्रमित करने के लिए प्रयोग में आती रही है। इस विद्या का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग है  किसी के मन में किसी प्रकार के तनाव भरे ख्यालो या विचारो से मुक्त करना हम कई बार देखते है  कि कभी कभी एक विचार ही मनुष्य की मानसिक संतुलन को बिगाड़ने में काफी रहता है और वह विचार  अंतर मन तक ऐसे घर कर जाता है जैसे उसे कुछ और न समझ आ सके न ही वह उससे उबर ही पाता है। वह विचार किसी भी प्रकार  का हो सकता है प्रेम से संबंधित हो सकता है प्रेम ईर्ष्या शत्रुता या नकारात्मकता ।उच्चाटन विद्या का सही प्रयोग उस व्यक्ति को उस विचार से मुक्त कर सकता है और नई सोच सोचने को मजबूर कर सकता है। किसी भी समस्या  के समाधान के लिए संपर्क करे आनन्द हो ज्योतिष केंद्र  व्हाट्स एप्प   0091-7009688414   फोन               0091- 7009688414  परन्तु इस विद्या का दुरुपयोग  ज्यादा होता है और सदुपयोग कम। दुरुपयोग में कुछ लोभी तांत्रिक  किसी का नुकसान करने  में अधिक  प्रयोग करते है । लोग अपने शत्रुओ प्